यूपी के 2 जिलों में बनेगा बाईपास, यात्रियों को मिलेगी राहत

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के दो महत्वपूर्ण जिलों, बलिया और बहराइच, में बाईपास और रेल उपरिगामी सेतु के निर्माण कार्यों को मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से लिया, जिससे न केवल इन जिलों के यातायात प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

बलिया में बाईपास और रेल उपरिगामी सेतु का निर्माण

बलिया जिले में यातायात की समस्या को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने कई प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में बलिया में 18.10 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, 17.50 किलोमीटर लंबा बाईपास मार्ग और दो लेन रेल उपरिगामी सेतु का निर्माण शामिल है। बलिया का गाजीपुर तुर्तीपार मार्ग (राज्य मार्ग-108) और राष्ट्रीय राजमार्ग (वैना) से बलिया-बांसडीह मार्ग (राज्य मार्ग-107) को जोड़ेगा। इस बाईपास के बनने से बलिया शहर में भारी ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा और यात्रियों का समय बचेगा।

इस प्रोजेक्ट के तहत बलिया में गाजीपुर तुर्तीपार मार्ग से खनवर नवादा तक सड़क के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति दी गई है, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग से बलिया-बांसडीह मार्ग के बीच के क्षेत्र में 17.50 किलोमीटर लंबा बाईपास मार्ग बनाने की योजना है। इसके अलावा, दो लेन का रेल उपरिगामी सेतु (791.785 मीटर) बनाने का भी प्रस्ताव है, जिससे ट्रेनों के आवागमन में कोई बाधा नहीं आएगी और यातायात के साथ-साथ रेल यातायात की गति भी बनाए रखी जा सकेगी।

बहराइच में बाईपास और रेल सेतु का निर्माण

बहराइच जिले में भी यातायात सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। बहराइच लखनऊ-बहराइच मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-927) और बहराइच गोंडा मार्ग (राज्य मार्ग-30) के मध्य 11.777 किलोमीटर लंबा बहराइच बाईपास मार्ग निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इस मार्ग के बन जाने से बहराइच के भीतर के यातायात दबाव को कम किया जा सकेगा।

बहराइच में इस परियोजना के तहत सरयू नदी पर 120.68 मीटर लंबा दो लेन का सेतु और 850.168 मीटर लंबा दो लेन का रेल उपरिगामी सेतु बनाने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। इन संरचनाओं के निर्माण से न केवल सड़क यातायात में सुधार होगा, बल्कि रेलवे के आवागमन में भी कोई अवरोध नहीं आएगा।

इन परियोजनाओं का क्या है महत्व?

इन दोनों जिलों में बनने वाले बाईपास और रेल उपरिगामी सेतु न केवल राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, बल्कि इनसे प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क भी स्थापित होगा। इसके अलावा, भारी ट्रैफिक की समस्या का समाधान होने से इन जिलों के स्थानीय व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। बाईपास और सेतु निर्माण के परिणामस्वरूप, न केवल यात्री राहत महसूस करेंगे, बल्कि समय और ईंधन की बचत भी होगी।

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