विजिलेंस टीम की दिन-रात की छापेमारी
बिजली चोरी को रोकने के लिए केस्को की विजिलेंस टीम दिन-रात छापेमारी कर रही है। हालांकि, इसके बावजूद चोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। टीम द्वारा किए गए प्रयासों के बाद भी, 90 दिनों में 67 फीडरों में लाइन लॉस कम हुआ है, जबकि 33 फीडरों में अभी भी लाइन लॉस को नियंत्रित नहीं किया जा सका है। यह दर्शाता है कि समस्या गहरी है और इसके लिए सिर्फ छापेमारी पर्याप्त नहीं है।
तकनीक का इस्तेमाल: फिर भी नाकामयाबी
बिजली चोरी को रोकने के लिए यूपी में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद चोरी की समस्या जस की तस बनी हुई है। केस्को द्वारा 97 फीडरों में हाईलाइन लॉस पाया गया है, जो यह दिखाता है कि तकनीकी उपायों के बावजूद चोरी का मार्ग बंद नहीं हो पा रहा।
इसके अलावा, केस्को ने अंडरग्राउंड केबल, सबस्टेशनों, फीडरों और ट्रांसफार्मरों में स्मार्ट मीटर लगाए हैं। ये स्मार्ट मीटर बिजली की खपत और राजस्व वसूली का सही आंकलन करने में मदद करते हैं, लेकिन यह भी पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। बिजली चोर नए-नए तरीके खोजकर चोरी करते रहते हैं, जिससे तकनीकी समाधान भी नाकाम हो जाते हैं।
बिजली चोरी के नए तरीके खोज रहे हैं शातिर
आजकल बिजली चोरों ने चोरी के नए-नए तरीके खोज लिए हैं, जो अधिकारियों के लिए चुनौती बन गए हैं। उनमें से कुछ तकनीकी उपायों को तोड़कर बिजली चोरी करते हैं, जबकि कुछ अपनी चोरी की गतिविधियों को छुपाने के लिए अत्यधिक स्मार्ट तरीके अपनाते हैं। ऐसे में, यह समझना जरूरी हो जाता है कि सिर्फ छापेमारी और तकनीकी उपायों से ही समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता।
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