गर्भावस्था के दौरान इन 4 खतरों से रहें सावधान

हेल्थ डेस्क: साइंस की बात करें तो जब कोई महिला गर्भवती होती हैं तो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह की परेशानियां जन्म ले लेती हैं। इन परेशानियों से महिलाओं को सावधान रहने की ज़रूरत होती हैं ताकि उसे किसी बड़ी समस्या का सामना करना ना पड़ें। आज इसी संदर्भ में जानने की कोशिश करेंगे की कुछ ऐसे खतरों के बारे में जिन खतरों से हर गर्भवती महिला को सावधान रहना चाहिए। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से की गर्भावस्था के दौरान इन 4 खतरों से रहें सावधान। 
तनाव, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का तनाव लेना गर्भपात का कारण बन जाता हैं। तनाव लेने से महिलाओं के दिमाग में स्ट्रेस हार्मोन्स का स्राव बढ़ जाता हैं। जिसका असर गर्भ में विकसित हो रहे भूर्ण पर पड़ता हैं। जिससे महिलाओं का भूर्ण ख़राब हो जाता हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन खतरों से हमेशा सावधान रहना चाहिए और तनाव लेने से बचना चाहिए ताकि उन्हें किसी बड़ी समस्या का सामना करना ना पड़ें।  

खून की कमी, गर्भावस्था के दौरान खून की कमी होने से महिलाओं के शरीर में एनीमिया की समस्या उत्पन हो जाती हैं। जिसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर पड़ता हैं। इतना हीं नहीं खून की कमी के कारण गर्भवती महिला के शरीर में सूजन की समस्या जन्म ले लेती हैं। जिससे महिलाएं खुद को अस्वस्थ महसूस करती हैं। इसलिए गर्भवती महिला को इस खतरे से सावधान रहना चाहिए और समय समय पर ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए। इससे ब्लड की सही स्थिति के बारे में पता चल जाता हैं। 

पेट में दर्द, ऐसे गर्भवती महिला को गर्भावस्था में पेट में दर्द होना आम बात होता हैं। लेकिन अगर ये दर्द अचानक से बढ़ जाता हैं तथा आँखों से धुँधला दिखता हैं तो महिलाएं इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें और तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। क्यों की गर्भावस्था के दौरान इस तरह के दर्द तभी होते हैं जब गर्भ में भूर्ण का निर्माण ठीक तरीकों से नहीं होता हैं। इस तरह के दर्द से कभी कभी महिलाओं के गर्भपात हो जाते हैं। इसलिए महिलाओं को हमेशा सावधान रहनी चाहिए। 

फ्लू से बचें, गर्भवती महिला के लिए गर्भावस्था के दौरान सबसे बड़ा खतरा फ्लू का होता हैं। फ्लू की वजह से गर्भवती महिला को सर्दी, जुकाम और फीवर की समस्या हो जाती हैं। जिसके कारण गर्भ में पल रहा शिशु भी बीमार हो जाता हैं और उसका शारीरिक और मानसिक विकास ठीक तरीकों से नहीं हो पाता हैं। इसलिए गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान फ्लू से बचना चाहिए तथा समय समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहना चाहिए ताकि उसके शरीर में कोई परेशानी ना हो।  

ब्लडिंग, गर्भावस्था के दौरान प्राइवेट पार्ट से ब्लडिंग होना शुरूआती दिनों में गर्भपात के लक्षण होते हैं। इससे महिलाओं को सावधान रहने की ज़रूरत होती हैं। गर्भधारण करने के बाद अगर किसी महिला को ब्लडिंग होती हैं तो महिलाएं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपने शरीर का चेकअप कराएं ताकि उन्हें किसी बड़ी परेशानी का सामना करना ना पड़ें। 

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