बता दें की पिता का देहांत बिना वसीयत बनाए हो गया है या फिर बेटी विवाहित है अथवा अविवाहित हैं फिर भी वो पिता की पुश्तैनी संपत्ति पर अपने हिस्से का दावा कर सकती हैं। बेटियों को बेटो की तरह ही जन्म से पैतृक संपत्ति पर अधिकार होता हैं।
अगर कोई संपत्ति पिछली तीन पीढ़ियों से चली आ रही होती है। ऐसी संपत्ति को किसी व्यक्ति की अर्जित संपत्ति नहीं माना गया है। इस संपत्ति पर उसकी संतानें क्लेम कर सकतीं हैं और पिता अपनी संतानों को ऐसी संपत्ति से बेदखल नहीं कर सकते हैं।
वहीं कानून के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसकी संपत्ति पर उसके वंशजों को हिस्से का अधिकार माना जाता हैं। इन वंशजों में मरने वाले व्यक्ति का बेटा, अविवाहित बेटियां, माता-पिता और पति-पत्नी शामिल होते हैं।
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