खबर के अनुसार इन गांवों में अधिकांश जगहों पर चकबंदी को लेकर किसी न किसी प्रकार का विवाद मौजूद है। चकबंदी अधिकारियों का मुख्य उद्देश्य इन विवादों को सुलझाकर चकबंदी प्रक्रिया को बिना किसी रुकावट के पूरा करना है। इसके लिए ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा रहा है।
बता दें की ग्राम चौपालों में न केवल चकबंदी से जुड़े विवादों को हल किया जा रहा है, बल्कि गांव के बुजुर्गों और सम्मानित व्यक्तियों की सलाह और मध्यस्थता का भी सहारा लिया जा रहा है, ताकि सभी पक्षों के बीच सहमति बनी रहे। यह प्रक्रिया न केवल चकबंदी की कार्यवाही को तेज़ कर रही है, बल्कि गांवों में सामूहिक प्रयासों से सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ावा दे रही है।
दरअसल चकबंदी की इस प्रक्रिया से किसानों और गांववासियों को कई लाभ होने की उम्मीद है, जैसे कि भूमि के स्वामित्व को स्पष्ट करना, किसानों को उनके अधिकारों का सही वितरण, और भूमि के उपयोग को अधिक प्रभावी बनाना आदि। यूपी के 98,634 गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। शेष बचे गांवों में से वर्तमान में 2402 गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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