जबकि महिलाओं की प्रजनन क्षमता महीने में कुछ ही दिनों तक रहती है, जब वे ओवुलेट करती हैं। ओवुलेशन के दौरान ही महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं। इसलिए, अगर महिला का ओवुलेशन हो रहा है और पुरुष का शुक्राणु महिला के अंडाणु तक पहुँचता है, तो गर्भावस्था संभव हो सकती है।
कैसे बनता हैं पुरुष शुक्राणु।
शुक्राणु का निर्माण पुरुषों में एक जैविक प्रक्रिया है, जो अंडकोष में होती है। इस प्रक्रिया में पुरुष के शरीर में विशेष कोशिकाएं विकसित होती हैं जो अंततः शुक्राणु (स्पर्म) में परिवर्तित होती हैं। यह प्रक्रिया बहुत जटिल होती है और कई चरणों में पूरी होती है।
शुक्राणु निर्माण की प्रक्रिया के तीन प्रमुख चरण होते हैं।
1 .स्पर्मेटोगोनिया (Spermatogonia): यह शुरुआती, अविकसित शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं जो अंडकोष में होती हैं। ये कोशिकाएं विभाजित होती हैं और अपनी संख्या बढ़ाती हैं।
2 .स्पर्मैटोसीट्स (Spermatocytes): स्पर्मेटोगोनिया कोशिकाएं विभाजित होकर स्पर्मैटोसीट्स में बदल जाती हैं। ये कोशिकाएं अगले चरण में विभाजित होती हैं।
3 .स्पर्मेटिड्स (Spermatids): स्पर्मैटोसीट्स दो भागों में विभाजित होकर चार स्पर्मेटिड्स में बदल जाते हैं। ये स्पर्मेटिड्स अब अविकसित शुक्राणु होते हैं।
स्पर्म (Sperm): अब, स्पर्मेटिड्स में बदलाव होता है और वे पूर्ण रूप से विकसित शुक्राणु में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को सर्टोली कोशिकाओं की सहायता से पूरा किया जाता है, जो इन कोशिकाओं को पोषण और समर्थन देती हैं। विकसित शुक्राणु में एक सिर (जिसमें DNA होता है), एक मिडपीस (जो ऊर्जा प्रदान करता है), और एक पूंछ जो गति देता है।
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