भारत ने बनाया है सबसे ताकतवर 'रॉकेट इंजन'

नई दिल्ली: रॉकेट इंजन एक प्रकार का इंजन होता है जो रॉकेट को ऊँचाई पर ले जाने और अंतरिक्ष में गति प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह इंजन रासायनिक ऊर्जा को थर्मल ऊर्जा में परिवर्तित करके गैसों को उच्च गति से बाहर निकालता है, जिससे रॉकेट को आगे बढ़ने का बल मिलता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत अभी तक लड़ाकू विमान के लिए 'जेट इंजन' विकसित नहीं कर पाया हैं, लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने दुनिया का ताकतवर रॉकेट इंजन विकसित किया हैं। इसरो के द्वारा क्रायोजेनिक इंजन को भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट LVM3 के लिए बनाया गया है।

क्रायोजेनिक इंजन क्या हैं: यह एक विशेष प्रकार का रॉकेट इंजन होता है, जिसमें ईंधन और ऑक्सीडाइज़र को अत्यधिक कम तापमान पर रखा जाता है, जिससे उनका घनत्व बढ़ जाता है। इस प्रकार के इंजनों में आमतौर पर तरल ऑक्सीजन (LOX) और तरल हाइड्रोजन (LH2) का उपयोग किया जाता है।

क्रायोजेनिक इंजन की मुख्य विशेषताएँ:

1 .उच्च थ्रस्ट: क्रायोजेनिक इंजन उच्च थ्रस्ट उत्पन्न करते हैं, जो उन्हें भारी उपग्रहों और अंतरिक्ष यानों को लांच करने में सक्षम बनाता है।

2 .उच्च ईंधन दक्षता: ये इंजन उच्च विशिष्ट impulso (specific impulse) प्रदान करते हैं, जो उन्हें अधिक कुशल बनाता है।

3 .जटिलता: क्रायोजेनिक सिस्टम जटिल होते हैं और इन्हें बहुत सावधानी से डिज़ाइन और संचालन करना पड़ता है, क्योंकि तरल गैसें अत्यधिक ठंडी होती हैं।

5 .उपयोग: क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग कई प्रमुख रॉकेटों में किया जाता है, जैसे कि NASA का सैटर्न V और स्पेस शटल और भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के रॉकेटों में भी इसका इस्तेमाल होता हैं।

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