खबर के अनुसार मोहम्मद इशाक की तीन शादियाँ हुई थीं, जिनमें से दूसरी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, और तीसरी पत्नी शादमा को पारिवारिक पेंशन मिल रही थी। वहीं पहली पत्नी सुल्ताना बेगम ने पेंशन के भुगतान के लिए एएमयू के कुलपति को पत्र लिखा था, लेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
बता दें की कोर्ट ने एएमयू के कुलपति को आदेश दिया कि वह सुल्ताना बेगम के मामले पर दो माह के अंदर निर्णय लें, और यदि वह पेंशन पाने की हकदार हैं, तो उन्हें पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाए। कोर्ट के इस आदेश पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जल्द ही फैसला लेगा।
कोर्ट का यह आदेश मुस्लिम समुदाय में पत्नी के अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाता है कि पारिवारिक पेंशन का अधिकार पहले विवाह की पत्नी को है, और यह एक कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, विशेष रूप से जब पति ने एक से अधिक शादियाँ की हों।
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