यूपी में 'पहली पत्नी' ही पेंशन पाने की हकदार

प्रयागराज: यूपी के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है कि एक व्यक्ति की पहली पत्नी को पारिवारिक पेंशन का अधिकार है, भले ही उसने अन्य शादियाँ की हों। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने तीन शादियां करने वाले मुस्लिम कर्मचारी की पहली पत्नी को पेंशन भुगतान करने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को दो माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है। 

खबर के अनुसार मोहम्मद इशाक की तीन शादियाँ हुई थीं, जिनमें से दूसरी पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी, और तीसरी पत्नी शादमा को पारिवारिक पेंशन मिल रही थी। वहीं पहली पत्नी सुल्ताना बेगम ने पेंशन के भुगतान के लिए एएमयू के कुलपति को पत्र लिखा था, लेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो उसने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। 

बता दें की कोर्ट ने एएमयू के कुलपति को आदेश दिया कि वह सुल्ताना बेगम के मामले पर दो माह के अंदर निर्णय लें, और यदि वह पेंशन पाने की हकदार हैं, तो उन्हें पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाए। कोर्ट के इस आदेश पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जल्द ही फैसला लेगा।

कोर्ट का यह आदेश मुस्लिम समुदाय में पत्नी के अधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दर्शाता है कि पारिवारिक पेंशन का अधिकार पहले विवाह की पत्नी को है, और यह एक कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, विशेष रूप से जब पति ने एक से अधिक शादियाँ की हों।

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