खबर के अनुसार योगी कैबिनेट की बैठक में विश्व बैंक की मदद से 4000 करोड़ रुपये की यूपीएग्रीज परियोजना की मंजूरी मिल गई। यह परियोजना बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के 28 जिलों में चलेगी। इससे इन जिलों के किसानों की आय बढ़ेगी और कृषि क्रांति आएगी।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा हैं की बुंदेलखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश की औसत खेती पश्चिमी यूपी की तुलना में कम रहती है। इसलिए चार हजार करोड़ रुपये की यह यह परियोजना छह वर्षों (वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2029-30 तक) तक बुंदेलखंड के झांसी व चित्रकूट मंडल और पूर्वांचल के विंध्य, वाराणसी, आजमगढ, गोरखपुर, बस्ती व देवीपाटन मंडल में परियोजना संचालित की जाएगी।
किसानों को होगा ये फायदा।
कृषि उत्पादकता बढ़ाना: उन्नत कृषि तकनीकों, नई बीज किस्मों, जलवायु अनुकूल कृषि विधियों, और मृदा स्वास्थ्य सुधार के उपायों के जरिए फसल उत्पादन में वृद्धि की जाएगी।
मूल्य संवर्धन गतिविधियां: कृषि उत्पादों की प्रसंस्करण तकनीक में नवाचार और मूल्य वृद्धि के लिए कृषि उत्पादों का ब्रांडिंग और पैकेजिंग में सुधार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मार्केट सपोर्ट सिस्टम का विकास: कृषि उत्पादों के लिए बेहतर विपणन नेटवर्क और डिजिटलीकरण से किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने की योजना तैयार होगी।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE): उन्नत कृषि तकनीकी अनुसंधान, प्रशिक्षण, और शिक्षा के लिए केंद्र स्थापित करना, ताकि किसानों को नई तकनीकों और बाजारों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा सके।
एग्रीकल्चर एसईजेड का निर्माण: कृषि उत्पादों के विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की स्थापना से उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी और निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी।
500 किसानों को विदेशों में भेजना: किसानों को उन्नत कृषि तकनीकी देखने और सीखने के लिए विदेश भेजा जायेगा, ताकि वे नवीनतम तकनीकों को अपनाकर उत्पादन में वृद्धि कर सकें।
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