'फीमेल वियाग्रा' कैसे काम करती है, जानें डिटेल्स

हेल्थ डेस्क: फ़्लिबेनसेरिन (Flibanserin), जिसे 'फीमेल वियाग्रा' भी कहा जाता है, एक दवा है जिसे हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिज़ायर डिसऑर्डर (HSDD) नामक स्थिति के इलाज के लिए विकसित किया गया है। HSDD एक मानसिक स्थिति है, जिसमें महिलाओं को यौन संबंध के प्रति इच्छा में कमी महसूस होती है, जो उनके सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकती है।

फ़्लिबेनसेरिन कैसे काम करती है?

फ़्लिबेनसेरिन का कार्य मस्तिष्क में कुछ न्यूरोट्रांसमीटरों के स्तर को प्रभावित करके किया जाता है। यह दवा मुख्य रूप से सेरोटोनिन, डोपामाइन, और नॉरएपिनेफ्रिन जैसे रसायनों के प्रभाव को संतुलित करती है। यह हॉर्मोनल या शारीरिक समस्या के बजाय मानसिक और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या का इलाज करती है।

सेरोटोनिन: यह मस्तिष्क में आनंद और संतोष से संबंधित है, लेकिन इसका अत्यधिक स्तर सेक्स की इच्छा को कम कर सकता है। फ़्लिबेनसेरिन सेरोटोनिन के प्रभाव को नियंत्रित करती है।

डोपामाइन और नॉरएपिनेफ्रिन: ये रसायन उत्तेजना और प्रेरणा से जुड़े होते हैं। फ़्लिबेनसेरिन इनकी गतिविधि को बढ़ाती है, जिससे सेक्स के प्रति इच्छा में वृद्धि हो सकती है।

फ़्लिबेनसेरिन का उपयोग और दुष्प्रभाव:

यह दवा आमतौर पर महिलाओं में यौन इच्छा की कमी को बढ़ाने के लिए ली जाती है, खासकर जब यह स्थिति मानसिक और भावनात्मक कारणों से उत्पन्न होती है। इसे दिन में एक बार रात को लिया जाता है, और इसका असर धीरे-धीरे दिखता है। इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, मितली और नींद में गड़बड़ी आदि।

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