बार-बार हस्तमैथुन से प्रजनन क्रिया पर प्रभाव, जानें

हेल्थ डेस्क: बार-बार हस्तमैथुन का प्रजनन क्रिया पर प्रभाव व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। सामान्यतः, हस्तमैथुन एक प्राकृतिक और सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब यह अत्यधिक या अनियंत्रित रूप से किया जाता है, तो इससे कुछ शारीरिक और मानसिक प्रभाव हो सकते हैं।

कई शोध ये बतलाती हैं की आप चाहे कितनी भी बार हस्तमैथुन करें, इससे शुक्राणुओं की संख्या या गर्भवती होने की क्षमता पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता। हालांकि, बार-बार हस्तमैथुन से आपके शरीर में वीर्य की मात्रा अस्थायी रूप से कम हो सकती है। 

बता दें की कुछ शोधों के मुताबिक, जिन पुरुषों के शुक्राणु की गुणवत्ता सामान्य होती है, वे रोज़ाना हस्तमैथुन करने के बाद भी शुक्राणुओं की गतिशीलता और सांद्रता को बनाए रखते हैं। इससे उनके प्रजनन क्रिया पर कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता हैं। यानि की हस्तमैथुन का प्रजनन क्रिया पर कोई सीधा असर नहीं होता हैं। 

हस्तमैथुन का प्रभाव।

मानसिक तनाव और चिंता: बार-बार हस्तमैथुन के कारण मानसिक रूप से व्यक्ति को तनाव, चिंता और अवसाद का सामना करना पड़ सकता हैं।

आत्मविश्वास की कमी: यदि किसी व्यक्ति का ध्यान हमेशा हस्तमैथुन पर रहता है, तो वह अपने आत्मविश्वास और संबंधों में कमी महसूस कर सकता है।

शारीरिक कमजोरी: अत्यधिक हस्तमैथुन से शरीर में थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। यह शरीर के ऊर्जा स्तर को कम कर सकता है, जिससे व्यक्ति की सामान्य गतिविधियों पर असर पड़ सकता है।

लिंग के स्वास्थ्य पर असर: अत्यधिक हस्तमैथुन से लिंग में सूजन, दर्द या असामान्य संवेदनाएँ हो सकती हैं। यदि अत्यधिक दबाव या गलत तरीके से किया जाए, तो यह लिंग की त्वचा या मांसपेशियों को नुकसान पहुँचा सकता है।

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