जिला आपूर्ति अधिकारी सतीश मिश्रा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम उन लोगों के खिलाफ उठाया गया है, जो आयकर का भुगतान करते थे और आर्थिक रूप से सक्षम होते हुए भी सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से लाभ ले रहे थे। इन अपात्र लाभार्थियों के राशन कार्ड निरस्त करने का अभियान अब भी जारी रहेगा। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए जांच शुरू की है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल उन लोगों तक पहुंचे जिनके पास असल में जरूरत है।
बता दें की मथुरा जिले में इस जांच के दौरान विशेष ध्यान उन किसानों पर भी दिया गया जिनके पास अधिक भूमि थी, क्योंकि यह माना गया था कि ये किसान आर्थिक रूप से सक्षम हैं। ऐसे 178 किसानों के राशन कार्ड भी निरस्त कर दिए गए हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि थी।
इस पूरे अभियान का उद्देश्य सरकारी राशन योजनाओं का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करना है ताकि वे लोग जिनके पास वास्तविक रूप से कम आय है या जिनकी आवश्यकता है, उन्हें इसका लाभ मिल सके। इसके अलावा, राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह अभियान न केवल मथुरा जिले तक सीमित रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश में इस तरह की जांच और कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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