नई योजना का उद्देश्य: इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वे न केवल स्वरोजगार के लिए तैयार हो सकें, बल्कि रोजगार बाजार में अपनी योग्यताएँ साबित कर सकें। इसके तहत, राज्य में 20 लाख युवाओं को ऐसे कौशल से लैस किया जाएगा, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रगति के लिए बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक विकास के लिए भी सहायक होंगे।
38 जिलों में प्रशिक्षण केंद्र: प्रस्ताव के अनुसार, बिहार के सभी 38 जिलों में कुल आठ हजार प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर युवाओं को विभिन्न तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन प्रशिक्षण केंद्रों में, कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार-oriented पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाएँगी।
युवाओं के लिए बेहतर अवसर: इस योजना के तहत, न केवल युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उन्हें उन्नत और योग्य प्रशिक्षकों द्वारा गाइड किया जाएगा। इस पहल से राज्य में शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ सकती है, क्योंकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रशिक्षित युवा न केवल अपनी निजी ज़िंदगी में सफल हों, बल्कि वे राज्य के रोजगार बाजार में भी अपनी पहचान बना सकें।
स्वरोजगार की दिशा में कदम: युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी विशेष कदम उठाए जाएंगे। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को न केवल नौकरी के लिए तैयार किया जाएगा, बल्कि उन्हें अपना छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के जरिए बिहार के युवाओं को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि वे अपने लिए स्वतंत्र रूप से आय उत्पन्न करने में भी सक्षम होंगे।
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