यूपी में 230 बीघा जमीन घोषित होगी शत्रु संपत्ति

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के लमुईया गांव में 230 बीघा भूमि को शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित किया जाएगा। यह भूमि चार व्यक्तियों के नाम से दर्ज है, जो भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। जिला प्रशासन ने इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत प्रशासन ने जनता से आपत्तियां मांगी हैं, और उसके बाद गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर इस भूमि को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया जाएगा।

शत्रु संपत्ति क्या होती है?

शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है, जो युद्ध या विभाजन के दौरान या उसके बाद किसी दूसरे देश के नागरिकों द्वारा छोड़ी गई होती है। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद, जो लोग पाकिस्तान चले गए थे, उनके देश में छोड़ जाने वाली संपत्तियों को शत्रु संपत्ति माना जाता है। इन संपत्तियों का अधिकार भारत सरकार को होता है और ये संपत्ति विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा नियंत्रित की जाती है।

लमुईया गांव की शत्रु संपत्ति का मामला

लमुईया गांव में जिन चार व्यक्तियों के नाम पर यह 230 बीघा भूमि दर्ज है, वे सभी विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे। प्रशासन ने अब इस भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस निर्णय के बाद भूमि पर सरकार का अधिकार हो जाएगा और इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकेगा, जैसे कि सार्वजनिक उपयोग या विकास कार्यों के लिए।

पाकिस्तान से है इसका कनेक्शन

लमुईया गांव की यह शत्रु संपत्ति पाकिस्तान से जुड़े एक ऐतिहासिक घटना को सामने लाती है। 1947 में विभाजन के दौरान लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए थे, और कई लोग पाकिस्तान चले गए थे। उनके द्वारा छोड़ी गई संपत्तियां भारत सरकार के नियंत्रण में आ गईं। इस प्रकार की संपत्तियों का मामला आज भी विभिन्न स्थानों पर उठता है, और भारतीय सरकार उन संपत्तियों पर अधिकार बनाए रखती है।

0 comments:

Post a Comment