बता दें की इस योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) से लेकर अधिकतम 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) भूमि तक के लिए दिया जाएगा। वहीं, क्षेत्र विस्तार के लिए आम के पौधों की आपूर्ति राज्य के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, देसरी, वैशाली और संबंधित जिलों के प्रखण्ड उद्यान नर्सरी से की जाएगी।
अनुदान राशि: इस योजना में आम की खेती के लिए पहले वर्ष में प्रति हेक्टेयर 18,000 रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। इसके बाद द्वितीय और तृतीय वर्षों में 6,000 रुपये प्रति वर्ष की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
भूमि-स्वामित्व से संबंधित नियम: इस योजना का लाभ केवल उन्हीं रैयत कृषकों को मिलेगा, जिनके पास भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद का कागजात हो। यदि कागजात में आवेदक का नाम स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली भी लगाना आवश्यक होगा।
DBT पंजीकरण: इच्छुक कृषक को आवेदन करने से पहले अपने DBT में पंजीकृत बैंक खाते के विवरण की जाँच स्वयं करनी चाहिए।
सहायतानुदान भुगतान: योजना के तहत सहायता राशि DBT कार्यक्रम के माध्यम से CFMS द्वारा भुगतान की जाएगी।
लाभार्थी चयन: इस योजना के लाभार्थियों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56%, अनुसूचित जाति में 20%, और अनुसूचित जनजाति में 1.44% किया जाएगा। प्रत्येक श्रेणी में 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन: उपरोक्त शर्तों से यदि इच्छुक कृषक सहमत हैं, तो वे नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आमंत्रित हैं। वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर आवेदन किया जायेगा।
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