यूपी में जमीन-प्लॉट खरीदते समय जांचें 5 दस्तावेज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जमीन या प्लॉट खरीदते समय कुछ दस्तावेजों की जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि भविष्य में किसी भी कानूनी समस्या से बचा जा सके। जमीन खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच करें और आवश्यकता पड़ने पर किसी कानूनी विशेषज्ञ से सहायता लें।

1. टाइटल डीड्स

टाइटल डीड (Title Deed) वह कानूनी दस्तावेज है, जो यह साबित करता है कि संपत्ति का स्वामित्व उस व्यक्ति के पास है, जिसे आप खरीदने जा रहे हैं। इस दस्तावेज की जांच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उस संपत्ति पर किसी अन्य व्यक्ति का स्वामित्व नहीं है।

महत्वपूर्ण बिंदु: टाइटल डीड को एक रियल एस्टेट वकील द्वारा सत्यापित कराया गया हो। यह सुनिश्चित करें कि संपत्ति का स्वामित्व स्पष्ट और बिना विवादित हो। यह भी ध्यान रखें कि संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद या केस न हो।

2. सेल्स डीड (Sale Deed)

सेल्स डीड वह दस्तावेज है, जो खरीदी गई संपत्ति के लेन-देन की कानूनी पुष्टि करता है। यह दस्तावेज़ संपत्ति के विक्रेता और खरीदार के बीच हुए समझौते का प्रमाण होता है।

महत्वपूर्ण बिंदु: आपको खरीदी गई संपत्ति का सेल्स डीड प्राप्त करना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि सेल्स डीड किसी डेवलपर, सोसाइटी, या अन्य संस्था के अधीन न हो। विक्रेता द्वारा प्रस्तुत सेल्स डीड की सत्यता की पुष्टि आवश्य करें।

3. कर रसीदें (Tax Receipts)

जमीन खरीदने से पहले यह आवश्यक है कि आप कर रसीदों की जांच करें। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि भूमि पर पहले से कोई बकाया कर या भुगतान न हो।

महत्वपूर्ण बिंदु: भूमि की पहले के मालिक द्वारा सभी करों का भुगतान किया गया हो। कर भुगतान में किसी प्रकार की कोई अनियमितता न हो। सुनिश्चित करें कि भविष्य में जमीन पर कोई कर बकाया न हो, जो आपके ऊपर आ सकता है।

4. बंधक भूमि की जांच (Mortgage Check)

यह सुनिश्चित करें कि जिस भूमि या प्लॉट को आप खरीदने जा रहे हैं, वह किसी प्रकार के बंधक पर न हो। बंधक भूमि पर ऋण का बकाया हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

महत्वपूर्ण बिंदु: विक्रेता से यह सुनिश्चित करें कि भूमि पर कोई बंधक या कर्ज न हो। भूमि के संबंध में कोई वित्तीय दायित्व नहीं होना चाहिए।

5. खतौनी (Khasra/Khatoni)

खतौनी वह दस्तावेज़ है जो भूमि के स्वामित्व, उसके आकार और स्थिति को दर्शाता है। यह भूमि के रिकॉर्ड का एक हिस्सा होता है, जिसे राजस्व विभाग द्वारा रखा जाता है।

महत्वपूर्ण बिंदु: जमीन के रजिस्ट्रेशन की सत्यता और आकार की पुष्टि करें। भूमि के दस्तावेज़ में सभी संबंधित जानकारी सही और अद्यतित होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि जमीन का नंबर और खसरा प्रमाणपत्र बिल्कुल सही है।

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