महिलाओं की अहम भूमिका
सी वोटर के के मुताबिक, इस चुनाव में महिलाएं निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के वोटरों के बीच सबसे ज्यादा झुकाव आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर देखा जा रहा है। दिल्ली में AAP की सरकार की प्रमुख योजनाएं, जैसे कि मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा जैसी योजनाओं ने महिलाओं के बीच अपनी पकड़ बनाई है। इससे पार्टी को एक बड़ा फायदा हो सकता है। यदि यह लीड बनी रही, तो भले ही AAP की सीटों में कमी आए, फिर भी वह सरकार बनाने में सक्षम हो सकती है।
भाजपा के लिए चुनौती
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी इस चुनाव में महिलाओं को लुभाने के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है। BJP ने महिलाओं के लिए अपने प्रचार में ताकत डाली है, और साथ ही पार्टी की ओर से हिंदुत्व के एजेंडे, जातिगत समीकरणों और अपने स्टार प्रचारकों के जरिए बीजेपी ने चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है। हालांकि, महिलाओं के बीच AAP के मुकाबले BJP को लगभग 8-10 प्रतिशत कम समर्थन मिलता हुआ दिखाई दे रहा है, जो भाजपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
वोटिंग के आंकड़े और सर्वे
सी वोटर के 15 जनवरी के सर्वे के मुताबिक, 51 प्रतिशत वोटर AAP के पक्ष में खड़े हैं, जबकि 45 प्रतिशत वोटर सरकार में बदलाव की मांग कर रहे हैं। बदलाव की बात करने वाले लोग, विशेष रूप से कांग्रेस के मुकाबले BJP को प्राथमिकता दे रहे हैं। सी वोटर के आंकड़ों में यह भी सामने आया कि BJP की सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर अगर वोटों का ध्रुवीकरण हुआ तो। भाजपा ने अपनी प्रचार रणनीति में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अफजल गुरु के मुद्दे को भी उठाया है, जो समाज के एक वर्ग में अपनी छाप छोड़ सकता है।
पिछले चुनावों के मुकाबले स्थिति
पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार आम आदमी पार्टी को कुछ हद तक फायदा हुआ है। 2020 में AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी, और अब पार्टी को इसी जीत को बरकरार रखने की चुनौती है। जबकि भाजपा भी अपनी पूरी ताकत से मैदान में उतरी है, और इस बार सीटों की संख्या में बढ़ोतरी का दावा कर रही है।
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