बीआरडी मेडिकल कॉलेज को इंस्टीट्यूट में तब्दील करने की प्रक्रिया
स्वीडन से सर्वे कराकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौजूद कमियों की पहचान की गई हैं और अब उन्हें दूर करने के प्रयास चल रहे हैं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का विस्तार काफी बढ़ चुका है। इसके मद्देनजर इस कॉलेज को एक इंस्टीट्यूट में तब्दील कर देने से कई फायदे होंगे।
केंद्रीयकृत व्यवस्था से होगा कॉलेज का विकास
वर्तमान में बीआरडी मेडिकल कॉलेज अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ से संबद्ध है। इसके कारण इस कॉलेज में नामांकन से लेकर डिग्री देने तक की सारी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की होती है। यदि किसी छात्र को अपनी डिग्री या नामांकन में संशोधन की आवश्यकता होती है, तो उसे लखनऊ स्थित विश्वविद्यालय तक जाना पड़ता है। लेकिन जब यह कॉलेज एक इंस्टीट्यूट बन जाएगा, तो इसका संचालन और प्रशासन स्थानीय स्तर पर होगा, जिससे छात्रों को जल्द और आसानी से सेवाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में कदम
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंस्टीट्यूट में तब्दील होने से न केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इसमें एक स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में कार्य करने की स्वतंत्रता मिलेगी, जो अस्पताल और शैक्षिक गतिविधियों में बेहतर समन्वय स्थापित कर सकेगा। इसके परिणामस्वरूप, मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा और डॉक्टरों को आधुनिक चिकित्सा शिक्षा प्राप्त होगी।
पूर्वांचल वासियों के लिए बड़ी खबर
यह कदम पूर्वांचल क्षेत्र के लिए एक बड़ी खुशखबरी साबित हो सकता है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज का इंस्टीट्यूट बनना न केवल इस क्षेत्र के छात्रों के लिए, बल्कि यहां के लोगों के लिए भी एक बड़ा लाभकारी कदम होगा। अब उन्हें बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी यह संस्थान एक नया मुकाम हासिल करेगा।
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