बिहार के अब गांव-गांव में होगा डिजिटल क्राप सर्वे

पटना: बिहार में अब कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने गांव-गांव में डिजिटल क्राप सर्वे करने का निर्णय लिया है। इसके तहत यह सर्वे किसानों को फसल चयन में मदद करेगा और जलवायु परिवर्तन के कारण कृषि योजनाओं को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगा। कृषि विभाग ने इस योजना के तहत 28 जिलों में सर्वे की शुरुआत कर दी है, और यह जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

क्या है डिजिटल क्राप सर्वे?

डिजिटल क्राप सर्वे एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए खेतों और फसलों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएगी। इस सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कि किस जिले में किस प्रकार की फसल उगाना सबसे उपयुक्त है, और जलवायु परिवर्तन के असर को देखते हुए कौन सी फसलें विभिन्न क्षेत्रों में उगाई जा सकती हैं। इसके माध्यम से किसानों को अपनी फसलें चुनने में आसानी होगी, और इसके परिणामस्वरूप राज्य में कृषि योजनाओं का बेहतर तरीके से कार्यान्वयन हो सकेगा।

13 हजार गांवों में होगा सर्वे

इस वर्ष के दौरान कृषि विभाग ने 13 हजार गांवों में डिजिटल क्राप सर्वे करने की योजना बनाई है। संबंधित जिलों के जिलाधिकारी इस सर्वे की निगरानी करेंगे, और सर्वे की प्रगति पर नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। कृषि विभाग के अनुसार, यह सर्वे किसानों को न केवल योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करेगा, बल्कि वे सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सहायक भी बनेंगे।

किसानों के लिए सरकारी योजनाओं में भागीदारी

इस सर्वे का उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ देना है, जिससे वे इन योजनाओं के कार्यान्वयन में भी सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। यह कदम न केवल कृषि उत्पादन में सुधार लाएगा, बल्कि इससे किसानों को समुचित सहायता भी मिलेगी। इसके माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के डेटा को अद्यतन और वैज्ञानिक तरीके से एकत्रित किया जाएगा, जिससे किसी भी गांव में फसल वितरण की जानकारी एक क्लिक में प्राप्त की जा सकेगी।

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