बता दें की सरकार के इस फैसले से राज्य में वाहन चलाने के नियमों के उल्लंघन पर प्रभावी रोकथाम संभव हो सकेगी। पहले ट्रैफिक पुलिस के पास वाहनों के दस्तावेज़, जैसे वाहन का रजिस्ट्रेशन, बीमा, ड्राइविंग लाइसेंस, और परमिट की जांच करने का अधिकार नहीं था, लेकिन अब यह अधिकार ट्रैफिक पुलिस को दिया गया है।
इस फैसले से खासतौर पर शहरों में चलने वाले यात्री वाहनों, जैसे ऑटो और हाईवे पर चलने वाली बसों तथा अन्य बड़े वाहनों की जांच करने में सहूलत होगी। इन वाहनों के परमिट की जांच ट्रैफिक पुलिस अब प्रभावी रूप से कर सकेगी, जिससे कई गैरकानूनी और बिना वैध कागजात के चलने वाले वाहन आसानी से पकड़े जा सकेंगे।
पहले वाहन मालिक और ड्राइवर अपने वाहन के कागजात और परमिट को सही तरीके से न रखने पर भी कोई विशेष डर नहीं दिखाते थे, और वे फर्जी या फेल परमिट पर गाड़ी चला लेते थे। लेकिन अब ट्रैफिक पुलिस के पास यह अधिकार मिलने से इन वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार ने ट्रैफिक पुलिस को यह विशेष अधिकार सौंपने के लिए संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। यह कदम सड़क सुरक्षा और नियमों के पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। अब गाड़ियों की जांच के दौरान यदि कोई वाहन बिना वैध कागजात या बिना परमिट के चलता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे राज्य की यातायात व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है और यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है।
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