यूपी में गांव-गांव होगा ये काम, सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2 अक्टूबर 2025 तक प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में, राज्य सरकार ने "जीरो पावर्टी अभियान" की शुरुआत की है, जिसके तहत प्रदेश के अति गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक सुव्यवस्थित सर्वेक्षण प्रक्रिया की शुरुआत की है, ताकि गरीबों तक हर योजना का सही तरीके से लाभ पहुंचे।

जीरो पावर्टी अभियान: उद्देश्य और प्रक्रिया

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में गरीबी को समाप्त करना और हर जरूरतमंद तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना है। इस अभियान के तहत, राज्य सरकार ने एक विस्तृत सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों का सही तरीके से चयन किया जाए।

सरकार ने पंचायत सहायक रोजगार सेवक, बीसी सखी और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से यह सर्वेक्षण कार्य कराया जा रहा है। ये सभी लोग गांव-गांव जाकर उन परिवारों की पहचान करेंगे जो गरीबी की कगार पर हैं। इस सर्वेक्षण में उन परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं की मदद से उबारा जा सकता है।

किस प्रकार होगा सर्वेक्षण?

सर्वेक्षण का कार्य पंचायत स्तर पर किया जा रहा है, जहां स्थानीय निवासी, पंचायत सहायक रोजगार सेवक और बीसी सखी गांव-गांव जाकर प्रत्येक परिवार का सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान परिवारों की आय, सामाजिक स्थिति, और उनकी जरूरतों को देखा जाएगा। इसके आधार पर, सरकार उन परिवारों का चयन करेगी जिनको विशेष सहायता की आवश्यकता है।

सरकारी योजनाओं का लाभ

इस अभियान के तहत, जिन गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी, उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, आवास, और रोजगार से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हर गरीब परिवार को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

नए साल में बड़ा लक्ष्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 तक गरीबी को खत्म करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके तहत आने वाले महीनों में इस सर्वेक्षण प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसे एक मिशन के रूप में लिया है और इस अभियान में हर स्तर पर स्थानीय सरकारी कर्मचारी और समुदाय के लोग शामिल होंगे।

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