कब शून्य होगा महंगाई भत्ता?
विशेषज्ञों के अनुसार, जनवरी 2026 में जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा, तब महंगाई भत्ता शून्य कर दिया जाएगा। इसके बाद जनवरी से जून 2026 के AICPI (All India Consumer Price Index) इंडेक्स के आधार पर तय होगा कि महंगाई भत्ता 3%, 4% या कोई अन्य प्रतिशत होगा। जैसे ही यह स्थिति स्पष्ट होगी, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के रूप में शून्य से ऊपर का आंकड़ा दिया जाएगा।
8वें वेतन आयोग का प्रभाव:
1 .महंगाई भत्ता 0 होगा:
जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा, तब केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य (0) कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि जब नया पे-कमिशन लागू होता है, तो महंगाई भत्ते की कैलकुलेशन शून्य से शुरू होगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹34,200 है, तो जनवरी 2026 से उसका महंगाई भत्ता 0 होगा। इसके बाद जुलाई 2026 में महंगाई भत्ते में 3-4% का इज़ाफा किया जाएगा (जो भी महंगाई भत्ता बनेगा), और तब से यह कैलकुलेशन जारी रहेगी।
2 .महंगाई भत्ते का प्रभाव अन्य भत्तों पर:
महंगाई भत्ता 0 होने का असर केवल सैलरी पर ही नहीं, बल्कि अन्य भत्तों पर भी पड़ेगा। जैसे ही महंगाई भत्ता शून्य किया जाएगा, उसे मूल वेतन में जोड़ दिया जाएगा। अगर महंगाई भत्ता 50% या उससे अधिक होता है, तो इसे नए वेतन आयोग के तहत मूल वेतन में मर्ज करने का प्रावधान है। इसका मतलब है कि यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है और महंगाई भत्ता 50% है, तो वर्तमान में उसे ₹9,000 का DA मिलता है। 8वें वेतन आयोग के तहत DA को मूल वेतन में जोड़ने पर उसकी कुल सैलरी ₹27,000 हो जाएगी।
3 .महंगाई भत्ते की गणना का तरीका:
महंगाई भत्ता (DA) की गणना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर की जाती है। CPI में समय-समय पर बदलाव होता है, जो DA के बदलाव को प्रभावित करता है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर, वर्तमान DA को मूल वेतन में जोड़ने से कर्मचारियों की कुल सैलरी में वृद्धि होगी। इससे कर्मचारियों को बेहतर वेतन मिलेगा।
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