समर्थन मूल्य के भुगतान की प्रक्रिया
इस वर्ष के रबी विपणन वर्ष में गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह मूल्य किसानों के लिए राहत देने वाला हो सकता है, खासकर जब गेहूं की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गेहूं की खरीद के बाद भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में 48 घंटे के भीतर किया जाएगा। यह पहल किसानों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगी, क्योंकि पहले भुगतान में देरी होती थी, जो किसानों के लिए समस्या पैदा करता था। अब उन्हें अपने भुगतान के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
उत्पादन केंद्रों का विस्तार
गेहूं की अधिक उत्पादन वाले जिलों में खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है। बिहार में कुछ जिले ऐसे हैं, जहां गेहूं की उपज बहुत अधिक होती है। इन जिलों में किसान अपनी फसल को आसानी से बेच सकते हैं, और उन्हें अपने गेहूं को सही मूल्य पर बेचना सुनिश्चित किया जा सकता है। रोहतास, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, बक्सर, भोजपुर, सिवान, गया, सारण, नालंदा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, सासाराम, गोपालगंज, औरंगाबाद, बेगुसराय, पटना और दरभंगा जैसे जिलों में अधिक केंद्र स्थापित किए गए हैं।
किसानों के लाभ में होगी वृद्धि
नया रेट और केंद्रों का विस्तार किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। बढ़े हुए केंद्रों से किसानों को गेहूं बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे, साथ ही समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से उनकी आय में भी वृद्धि हो सकती है। इससे किसानों को कृषि में स्थिरता और सुरक्षा का अहसास होगा। इसके अलावा, 48 घंटे के भीतर भुगतान होने से किसान अपने अन्य कृषि कार्यों के लिए भी वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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