ये 10 देश विदेशी मुद्रा भंडार में हैं सबसे ऊपर, टॉप पर भारत!

नई दिल्ली: वैश्विक अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) की अहम भूमिका होती है। यह किसी देश की आर्थिक मजबूती, व्यापारिक संतुलन और मुद्रा की स्थिरता को दर्शाता है। यदि हम बात करें दुनिया के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की, तो इस सूची में कुछ प्रमुख देश ऐसे हैं जिनका भंडार अन्य देशों से कहीं ज्यादा है। इन देशों के पास विदेशी मुद्रा भंडार की बड़ी रकम होने का मतलब है कि उनके पास मुद्रा की विनिमय दर को नियंत्रित करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संतुलन बनाए रखने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।

ये 10 देश विदेशी मुद्रा भंडार में हैं सबसे ऊपर:

1. चीन (3.11 ट्रिलियन डॉलर)

चीन, 3.11 ट्रिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला देश है। चीन का भंडार इस बात का संकेत है कि वह अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीन का विदेशी मुद्रा भंडार मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर, यूरो और अन्य प्रमुख मुद्राओं में संरक्षित है, जो उसकी आर्थिक नीतियों और वैश्विक व्यापार पर गहरा असर डालता है।

2. जापान (1.23 ट्रिलियन डॉलर)

जापान, 1.23 ट्रिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ दूसरे स्थान पर है। जापान का विदेशी मुद्रा भंडार न केवल उसकी घरेलू मुद्रा यानि येन को स्थिर रखने में मदद करता है, बल्कि वह इसे अपनी अर्थव्यवस्था की मजबूती और वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त के रूप में भी उपयोग करता है।

3. स्विट्जरलैंड (876 बिलियन डॉलर)

स्विट्जरलैंड का विदेशी मुद्रा भंडार 876 बिलियन डॉलर है, जो इसे तीसरे स्थान पर रखता है। स्विट्जरलैंड को वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक सुरक्षित आश्रय स्थल के रूप में माना जाता है। स्विस बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और मुद्रा की स्थिरता को बनाए रखने के लिए इस विशाल भंडार का महत्वपूर्ण योगदान है।

4. भारत (590 बिलियन डॉलर)

भारत, 590 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ चौथे स्थान पर है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है, जो देश की आर्थिक वृद्धि, वित्तीय स्थिरता और मुद्रा नीति के लिए सकारात्मक संकेत है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस भंडार का संचालन देश की बाहरी देनदारी को कवर करने और विदेशी मुद्रा बाजारों में अस्थिरता को नियंत्रित करने में मदद करता है।

5. रूस (577 बिलियन डॉलर)

रूस का विदेशी मुद्रा भंडार 577 बिलियन डॉलर है, जो इसे पांचवे स्थान पर रखता है। रूस ने अपनी मुद्रा रुक से और विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के जरिए अपनी आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित किया है। यह भंडार रूस को वैश्विक संकटों से बचाव और अपनी बाहरी देनदारी को नियंत्रित करने में मदद करता है।

6. ताइवान (564 बिलियन डॉलर)

ताइवान, 564 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ छठे स्थान पर है। ताइवान का भंडार वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए महत्वपूर्ण है, और इसका मुख्य उद्देश्य देश की मुद्रा स्थिरता को बनाए रखना है।

7. सऊदी अरब (427 बिलियन डॉलर)

सऊदी अरब का विदेशी मुद्रा भंडार 427 बिलियन डॉलर है, जो इसे सातवें स्थान पर रखता है। सऊदी अरब का भंडार मुख्य रूप से उसके तेल निर्यात से अर्जित राजस्व से उत्पन्न होता है। यह भंडार देश के आर्थिक नीतियों और तेल बाजारों में उतार-चढ़ाव से निपटने में सहायक है।

8. हांगकांग (427 बिलियन डॉलर)

हांगकांग, सऊदी अरब के समान 427 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ आठवें स्थान पर है। हांगकांग एक महत्वपूर्ण वैश्विक वित्तीय केंद्र है, और उसका यह भंडार वैश्विक वित्तीय स्थिरता और व्यापार को सुनिश्चित करने में सहायक है।

9. दक्षिण कोरिया (418 बिलियन डॉलर)

दक्षिण कोरिया का विदेशी मुद्रा भंडार 418 बिलियन डॉलर है, जो इसे नौवें स्थान पर रखता है। दक्षिण कोरिया का भंडार वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव और मुद्रा बाजारों में स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह उसकी आर्थिक नीति और विकास को बनाए रखने में मदद करता है।

10. ब्राजील (344 बिलियन डॉलर)

ब्राजील, 344 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ दसवें स्थान पर है। ब्राजील का भंडार प्रमुख रूप से व्यापार घाटे को कवर करने और घरेलू मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कार्य करता है।

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