मथुरा का राया अर्बन सेंटर:
मथुरा जिले में 11653.76 हेक्टेयर में राया अर्बन सेंटर विकसित होगा, जिसे विशेष रूप से पर्यटन के दृष्टिकोण से डिज़ाइन किया जाएगा। यमुना नदी के किनारे स्थित रिवर फ्रंट, एक्सपो मार्ट, एम्यूजमेंट पार्क, थीम पार्क, साइंटिफिक पार्क, गोल्फ कोर्स और चिल्ड्रन पार्क जैसे आकर्षण राया अर्बन सेंटर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाएंगे। इसके अलावा, 2216.25 हेक्टेयर भूमि को आवासीय उपयोग के लिए और 1520.51 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन के लिए आरक्षित किया गया है।
राया अर्बन सेंटर में बड़े पैमाने पर हरित क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिसमें 1800 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, रिवर फ्रंट के लिए 505.65 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है। मिश्रित उपयोग, उद्योग, कामर्शियल, और संस्थागत उपयोग के लिए भी पर्याप्त भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। इस क्षेत्र का उद्देश्य पर्यावरण और जल संरचनाओं का संरक्षण करते हुए, आधुनिक शहरों के सभी आवश्यक तत्वों को एक जगह पर एकत्रित करना है।
अलीगढ़ का टप्पल बाजना अर्बन सेंटर:
अलीगढ़ जिले में 11104.40 हेक्टेयर में टप्पल बाजना अर्बन सेंटर विकसित होगा, जिसका मास्टर प्लान 12.75 लाख की आबादी के ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें 2118.3 हेक्टेयर भूमि को आवासीय उपयोग के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि उद्योग के लिए 1794.4 हेक्टेयर भूमि और मिश्रित उपयोग के लिए 1608.3 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की गई है। इस योजना के तहत आवासीय, उद्योग, मिश्रित उपयोग, ट्रांसपोर्ट और रिक्रिएशनल क्षेत्रों को प्रमुख प्राथमिकताएं दी जाएंगी।
यह शहर केवल आवास और उद्योग के लिए नहीं, बल्कि यहां के निवासियों के लिए रिक्रिएशनल सुविधाएं भी प्रदान करेगा। इसमें पार्क और खेल मैदान के अलावा, ट्रांसपोर्ट सुविधाएं, और सड़कों के विकास की योजनाएं भी शामिल हैं, जिससे शहर में एक संतुलित जीवनशैली का निर्माण होगा।
विकास और स्थिरता की दिशा तथा भूमि अधिग्रहण और निर्माण प्रक्रिया
इन नए हाईटेक शहरों का निर्माण उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इन परियोजनाओं से न केवल राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता की दिशा में भी काम होगा। रिवर फ्रंट और हरित क्षेत्रों की विशेष योजनाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि इन शहरों में जीवन की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर बनाए रखा जाए।
यमुना प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में इस मास्टर प्लान को अनुमोदित किया जाएगा, जिसके बाद शहरों के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी। अवैध निर्माण पर रोक लगाने में भी यह योजना सहायक साबित होगी, जिससे भविष्य में इन क्षेत्रों में अव्यवस्थित विकास से बचा जा सकेगा।
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