रुद्रम-3 का परिचय
रुद्रम-3 एक हवा से सतह पर हमला करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय वायु सेना के लिए स्वदेशी रूप से विकसित किया है। यह मिसाइल विशेष रूप से दुश्मन के रडार सिस्टम, मिसाइल डिफेंस सिस्टम, और अन्य विद्युत-चुंबकीय प्रणालियों को निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस मिसाइल का प्राथमिक उद्देश्य युद्ध क्षेत्र में दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक और संचार नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करना है, जिससे वह अपनी रक्षा प्रणाली को संभालने में असमर्थ हो जाए।
रुद्रम-3 की प्रमुख विशेषताएँ
1 .ऑपरेशनल रेंज: रुद्रम-3 की ऑपरेशनल रेंज 600 किलोमीटर है, जो इसे क्षेत्रीय और रणनीतिक हमलों के लिए एक अत्यधिक प्रभावी हथियार बनाती है। इसकी रेंज इसे दुश्मन के राडार सिस्टम और मिसाइल डिफेंस प्रणाली के लक्ष्य को आसानी से भेदने में सक्षम बनाती है।
2 .हाइपरसोनिक गति: रुद्रम-3 की गति एक अन्य प्रमुख विशेषता है। यह मिसाइल हाइपरसोनिक गति (5 मैक से अधिक) से यात्रा करती है, जिससे यह अपने लक्ष्य को बहुत तेज़ी से भेद सकती है। हाइपरसोनिक गति का यह लाभ इसे रक्षात्मक प्रणालियों से बचने में सक्षम बनाता है, और यह दुश्मन के रडार को भी चकमा दे सकती है।
3 .स्टिल क्षमता: रुद्रम-3 की स्टिल (Stealth) क्षमता इसे दुश्मन की निगाहों से छुपा कर रखती है। इसकी डिज़ाइन और कार्यप्रणाली इसे रडार और अन्य निगरानी प्रणालियों से कम दृष्टिगोचर बनाती है, जिससे यह दुश्मन के लिए अदृश्य और बेहद खतरनाक बन जाती है।
4 .रडार और मिसाइल डिफेंस निष्क्रिय करना: रुद्रम-3 की विशेषता यह है कि यह दुश्मन के रडार और मिसाइल डिफेंस प्रणालियों को निष्क्रिय करने में सक्षम है। इससे दुश्मन के सैन्य नेटवर्क को पूरी तरह से बर्बाद किया जा सकता है, जिससे वह अपनी रक्षा प्रणाली का संचालन नहीं कर पाएगा।
5 .इस मिसाइल के पास विविध हमले की क्षमता: रुद्रम-3 को बंकर फोड़ने और इमारत गिराने जैसे मिशनों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिसाइल मजबूत और संरक्षित बंकरों और संरचनाओं को नष्ट करने के लिए आदर्श है, जिससे यह एक बहुउद्देशीय हथियार बन जाती है।
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