हाइपरसोनिक मिसाइल का महत्व
हाइपरसोनिक मिसाइलों को पारंपरिक मिसाइलों से इसलिये अलग माना जाता है, क्योंकि ये बहुत तेज़ होती हैं, और साथ ही इनकी गति, मार्गदर्शन प्रणाली और मैनूवर क्षमता के कारण इनसे बचाव करना बेहद कठिन होता है। इन मिसाइलों का उपयोग विभिन्न प्रकार के हमलों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि परमाणु हमले, सामरिक हमले या उच्च-गति वाले हमलों में। हाइपरसोनिक मिसाइलों की अधिकतम गति और उनकी उड़ान की विशेषताएँ इसे युद्ध में एक निर्णायक हथियार बना सकती हैं।
1 .चीन का हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रम
चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। चीनी सेना के पास DF-17 जैसे हाइपरसोनिक मिसाइल हैं, जो मैक 5 से अधिक की गति से यात्रा कर सकती हैं। चीन के पास हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) जैसे अत्याधुनिक उपकरण भी हैं, जो वायुमंडल में रॉकेट की गति से यात्रा करते हैं और अंतिम चरण में अत्यधिक गति से लक्ष्य पर हमला करते हैं। इन मिसाइलों को चीन अपनी सैन्य रणनीति में प्रमुख रूप से उपयोग कर रहा है, और यह पश्चिमी देशों के लिए एक नई चुनौती बन चुकी है।
2. रूस का हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रम
रूस भी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक में काफी आगे बढ़ चुका है। रूस के पास Avangard और Zircon जैसे हाइपरसोनिक मिसाइलों का कार्यक्रम है। Avangard मिसाइल प्रणाली एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल है जो मैक 20 तक की गति से यात्रा कर सकती है। Zircon मिसाइल, जो समुद्र से प्रक्षिप्त होती है, मच 8 की गति तक पहुंच सकती है। रूस के लिए हाइपरसोनिक तकनीक न केवल सामरिक शक्ति को बढ़ाने का एक तरीका है, बल्कि यह पश्चिमी मिसाइल रक्षा प्रणालियों के खिलाफ एक चुनौती भी है।
3. अमेरिका का हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रम
अमेरिका ने भी हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास में सक्रिय रूप से निवेश किया है। AGM-183A ARRW (Air-launched Rapid Response Weapon) और Conventional Prompt Strike (CPS) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, अमेरिका हाइपरसोनिक मिसाइलों के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति कर रहा है। अमेरिका का ध्यान इस तकनीक का विकास करने पर है, ताकि उसे एक ऐसी मिसाइल मिल सके जो उच्च गति से यात्रा कर सके और अपने लक्ष्य को सटीक रूप से भेद सके, साथ ही मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भी मात दे सके।
4 . भारत का हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रम
भारत भी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) और BrahMos-II जैसी परियोजनाओं के माध्यम से भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइलों की गति को बढ़ाया हैं। भारत ने हाल ही में हाइपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट भी किया हैं। भारत का हाइपरसोनिक कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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