7 मार्च को निदेशक मंडल की बैठक:
आवास एवं विकास परिषद द्वारा 7 मार्च को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में इन योजनाओं पर निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में परिषद के आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया जाएगा और नए वित्तीय वर्ष में परिषद द्वारा किए जाने वाले खर्चों का भी आकलन किया जाएगा। इस बैठक में प्रदेश के विभिन्न शहरों में आवासीय योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की जा सकती हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचे
सरकार ने जीरो पावर्टी अभियान के तहत उन परिवारों को प्राथमिकता देने की योजना बनाई है, जो आर्थिक रूप से सबसे कमजोर हैं। इस अभियान के तहत प्रदेश के लगभग 13.5 लाख परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से लगभग 11 लाख परिवारों के पास खुद का घर नहीं है। इन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं।
भविष्य की योजनाएं: एक समृद्ध उत्तर प्रदेश की दिशा में
उत्तर प्रदेश में हो रही इस तरह की योजनाओं के कई सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं। इन योजनाओं से प्रदेश में न केवल किफायती आवास की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि करोड़ों गरीब परिवारों को एक स्थिर और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, यह कदम रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा, क्योंकि निर्माण और विकास कार्यों में बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
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