यूपी में जमीन की चकबंदी को लेकर 5 बड़े ऐलान!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जमीन की चकबंदी के अभियान को लेकर सरकार ने हाल ही में कुछ बड़े ऐलान किए हैं। इन ऐलानों का उद्देश्य चकबंदी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाना है, ताकि किसानों को भूमि विवादों से राहत मिल सके और उनके खेतों का समुचित उपयोग हो सके। आइए जानते हैं यूपी में इस अभियान के 5 प्रमुख ऐलान:

1 .सहमति प्राप्त गांवों का चयन

चकबंदी अभियान में उन्हीं गांवों को शामिल किया गया है, जहां 50 फीसदी से ज्यादा किसानों ने चकबंदी के लिए सहमति दी है। इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया गया है कि जहां किसान इस प्रक्रिया के लिए तैयार हैं, वहीं प्राथमिकता दी जाए। इससे चकबंदी प्रक्रिया में किसानों की भागीदारी अधिक बढ़ेगी और उनका विश्वास भी मजबूत होगा।

2 .हर महीने होगी समीक्षा

प्रशासन ने चकबंदी अभियान की पूरी तैयारी करने का निर्णय लिया है। जिलों को हर महीने की 10 तारीख तक अपनी प्रगति रिपोर्ट चकबंदी आयुक्त को भेजनी होगी, जिससे मंडल और निदेशालय स्तर पर काम की समीक्षा की जा सके। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि चकबंदी अभियान में किसी भी तरह की रुकावट न आए और हर चरण समय पर पूरा हो।

3 .पारदर्शिता के लिए विशेष समीक्षा प्रारूप

किसानों के खेतों से जुड़ी समस्याओं को पारदर्शी तरीके से हल करने के लिए एक विशेष समीक्षा प्रारूप तैयार किया गया है। इसमें भूमि की जांच, भूचित्र का पुनरीक्षण, विवादों का निस्तारण और चकबंदी योजना की पुष्टि जैसे अहम बिंदु शामिल हैं। इससे किसानों को न्याय मिलता है और चकबंदी प्रक्रिया में कोई भेदभाव नहीं होता।

4 .चकबंदी अधिकारियों को मिल रही ट्रेनिंग

अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए चकबंदी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में अधिकारियों को चकबंदी प्रक्रिया के सभी पहलुओं पर जानकारी दी जाती है, ताकि वे अपने कार्य को प्रभावी और सही तरीके से संपन्न कर सकें। इससे अभियान के संचालन में कोई त्रुटि नहीं होगी और यह जल्दी पूरा होगा।

5 .बाराबंकी जिले में चकबंदी की प्रक्रिया 

बाराबंकी जिले में चकबंदी कार्य तेजी से चल रहा है। वर्तमान में 6 गांवों में चकबंदी की प्रक्रिया जारी है, जबकि 38 गांवों में इसे आगामी चरणों में शुरू किया जाएगा। डीएम शशांक त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यह प्रक्रिया समय पर पूरी की जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके।

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