यूपी के 75 जिलों में सरकारी जमीन से हटेगा अवैध कब्जा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के खिलाफ चलाए गए अभियान ने अब एक और निर्णायक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में भूमाफियाओं के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। इस बार राज्य सरकार ने सरकारी भूखंडों पर शिलापट लगाने का निर्णय लिया है, जिससे इन भूमि पर अवैध कब्जों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। यह कदम सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसके तहत अवैध कब्जों से मुक्त सरकारी जमीनों को पूरी तरह सुरक्षित किया जाएगा।

शिलापट पर क्या जानकारी होगी?

श्रावस्ती में इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है, जहां जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने सरकारी भूमि पर शिलापट लगाने की प्रक्रिया शुरू की है। इन शिलापटों पर भूमि की श्रेणी, रकबा, ग्राम सभा, गाटा संख्या और यह सूचना अंकित होगी कि यह भूमि सरकारी स्वामित्व में है। यह कदम न केवल कब्जा मुक्त भूमि को चिन्हित करेगा, बल्कि भविष्य में किसी भी तरह के अवैध कब्जे या छेड़छाड़ को रोकने में भी सहायक साबित होगा।

कब्जा मुक्त भूमि के संरक्षण के लिए कदम

अभी तक प्रदेश में भूमाफियाओं के कब्जे से 68,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा चुका है। यह अभियान अब पूरे राज्य में और अधिक सख्त रूप से लागू किया जाएगा। श्रावस्ती जिले में 397 ग्राम पंचायतों में स्थित सरकारी भूखंडों को चिन्हित कर शिलापट लगाए जाएंगे, और यह प्रक्रिया अन्य जिलों में भी जल्द ही शुरू की जाएगी।

किसी भी प्रकार के कब्जे पर होगी सख्त कार्रवाई

इस अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की रोकथाम करना है। शिलापट लगाए जाने के बाद यदि कोई व्यक्ति इन शिलापटों को हटाने का प्रयास करता है या भूमि पर कब्जे की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ "लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम" के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, आरोपी से जुर्माना भी वसूला जाएगा। यह स्पष्ट संदेश है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सरकार कोई भी समझौता नहीं करेगी।

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