यूपी के 75 जिलों में भू-माफिया को मिट्टी में मिलाने की तैयारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ अपनी सख्त कार्रवाई तेज कर दी है। अब प्रदेश के 75 जिलों में भूमाफियाओं को मिट्टी में मिलाने की तैयारी है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भूमाफियाओं को उनके अवैध कब्जे और जमीनों पर कब्जा करने से रोकना है। इसके लिए नई व्यवस्था बनाई गई है, जिसके तहत अब हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।

एंटी भू-माफिया पोर्टल की नई प्रणाली

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी एक नई पहल के तहत एंटी भू-माफिया पोर्टल को सक्रिय किया है, जो भूमि से जुड़ी शिकायतों के निपटान में मदद करेगा। इस पोर्टल पर भूमि से संबंधित शिकायतें सीधे संबंधित अधिकारियों के पास भेजी जाएंगी और उन्हें कार्रवाई के लिए सीधे प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारी बिना किसी देरी के आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

यह कदम खास तौर पर लेखपालों और राजनिरीक्षकों की जिम्मेदारी को कम कर दिया है, जिन्हें अब मामले टालने का कोई मौका नहीं मिलेगा। पहले यह प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल थी, लेकिन अब इसे सरल और त्वरित बना दिया गया है। आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस प्रक्रिया को सख्ती से लागू करें और बिना किसी दबाव के कार्रवाई करें।

शिकायतों का वर्गीकरण और कार्यवाही

एंटी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायतें आठ श्रेणियों में दर्ज की जाएंगी, जैसे शासकीय या सार्वजनिक उपक्रम की जमीन पर कब्जा, तालाब, खलिहान, चारागाह, कृषि भूमि के पट्टे की भूमियां, फर्जी बैनामे के आधार पर नामांतरण और अन्य अवैध कब्जे। इस प्रणाली के माध्यम से अब एसडीएम (उपजिलाधिकारी) इन शिकायतों को सूची के आधार पर सीधे कार्रवाई में ला सकते हैं।

यह भी महत्वपूर्ण है कि इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद राजस्व विभाग और पुलिस विभाग लगातार इसका पालन करेंगे और शीघ्र कार्रवाई करेंगे। इस प्रणाली को तीन चरणों में बांटा गया है, ताकि किसी भी स्तर पर शिकायतों की अनदेखी न हो।

भूमाफियाओं के लिए कोई छूट नहीं

अब भूमाफियाओं को यूपी में कोई छूट नहीं मिलने वाली है। चाहे वह सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने वाले हों या फिर किसी निजी भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले, सभी को अब इस नई प्रणाली के तहत कानून का सामना करना पड़ेगा।

न केवल शासकीय जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया, बल्कि जो लोग फर्जी बैनामों के जरिए जमीन के नामांतरण की कोशिश करेंगे, वे भी इस कार्रवाई के दायरे में आएंगे। खासकर सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों को प्रभावित करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ यह कदम बेहद अहम साबित होगा।

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