बिहार में 9-9 राजस्व गांव नगर परिषद में होंगे शामिल

पटना: बिहार के दो प्रमुख नगर परिषद, दानापुर और खगौल, जल्द ही अपने-अपने क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने वाले हैं। बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत दानापुर और खगौल के कुछ पंचायतों के राजस्व ग्राम नगर परिषद में शामिल किए जाएंगे। इस फैसले से ना सिर्फ प्रशासनिक रूप से बदलाव होगा, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को नगर परिषद से संबंधित विभिन्न सुविधाएं भी मिलेंगी, जो उनके जीवन स्तर में सुधार ला सकती हैं।

दानापुर नगर परिषद में शामिल होने वाले क्षेत्र

दानापुर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले चार पंचायतों के नौ राजस्व ग्राम दानापुर नगर परिषद में शामिल किए जाएंगे। इनमें मोबारकपुर-रघुरामपुर पंचायत के फरीदनपुर और मैनपुरा, जमसौत पंचायत के जमसौत का आंशिक एवं ढिबरा, कोथवां पंचायत के कोथवां और मुस्तफापुर का आंशिक, तथा लखनीबिगहा पंचायत के बबक्करपुर, नसरीपुर और आशोपुर के आंशिक क्षेत्र शामिल होंगे। इस क्षेत्र के लोग अब नगर परिषद के अंतर्गत आने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

खगौल नगर परिषद में शामिल होने वाले क्षेत्र

इसी तरह, खगौल नगर परिषद में भी कुछ पंचायतों के राजस्व ग्राम शामिल किए जा रहे हैं। इनमें सरारी पंचायत का सरारी राजस्व ग्राम का आंशिक और खेदलपुरा, लखनीबिगहा पंचायत का आशोपुर आंशिक, आदमपुर, लखनीबिगहा, और संदलपुर जमालुद्दीनचक पंचायत के बड़ी खगौल और सैदपुरा, और कोथवां पंचायत का मुस्तफापुर का आंशिक क्षेत्र शामिल होंगे। इन क्षेत्रों के लोग भी अब नगर परिषद द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

नगर परिषद क्षेत्र के विस्तार का क्या होगा लाभ?

इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को अब नगर परिषद द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी। नगर परिषद में शामिल होने से इन गांवों में सड़क, जल आपूर्ति, स्वच्छता, चिकित्सा सुविधाएं, शहरी विकास योजनाएं, और अन्य प्रशासनिक सहायता मिल सकेगी, जो ग्रामीण इलाकों में अक्सर सीमित होती हैं। इसके अलावा, नगर परिषद में शामिल होने से इन क्षेत्रों के लोगों को उन्नत बुनियादी ढांचे की सुविधा मिलेगी। शहरी क्षेत्रों के साथ जुड़ने से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो सकते हैं, और लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो सकता है।

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