यूपी में किसानों को तोहफा: निजी कृषि नलकूपों के सोलराइजेशन पर 90% सब्सिडी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बेहतरीन पहल की घोषणा की है, जिसके तहत अब किसानों के निजी कृषि नलकूपों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह कदम प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत उठाया जा रहा है, जिसमें किसानों को अपने नलकूपों को सोलर पावर से चलाने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इससे किसानों को न सिर्फ अपनी ऊर्जा लागत में भारी बचत होगी, बल्कि वे अतिरिक्त बिजली का विक्रय कर भी अतिरिक्त आय कमा सकेंगे। यह योजना खास तौर पर उन किसानों के लिए लाभकारी साबित होगी, जिनके नलकूप कनेक्शन पर मीटर लगा हुआ है।

 किसानों को क्या लाभ मिलेगा?

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को कृषि नलकूपों के सोलराइजेशन के लिए 90% सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसमें से 30% केंद्र सरकार, 60% राज्य सरकार और 10% किसानों को स्वयं वहन करना होगा। इस योजना के तहत किसानों को 7.5 एचपी और 10 एचपी के नलकूपों के लिए समान लाभ मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य यूपी के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है।

योजना के लिए पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनके नलकूपों पर मीटर लगा है। योजना में आवेदन करने के लिए यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नवकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) के पोर्टल पर किसानों को पंजीकरण करना होगा। चूंकि यह योजना सीमित है, सिर्फ 10,000 किसानों को ही इसका लाभ मिलेगा। इसलिए आवेदन प्रक्रिया में "पहले आओ, पहले पाओ" का सिद्धांत लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि पहले आवेदन करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना में लाखों नलकूप कनेक्शनधारक किसान शामिल हो सकते हैं, लेकिन अधिकतम 10,000 किसानों तक ही यह लाभ सीमित रहेगा।

किसानों को सोलर पैनल से क्या मिलेगा?

सोलर पैनल लगने के बाद, किसानों को अपने नलकूपों के संचालन के लिए बिजली की लागत में भारी बचत होगी। इसके अलावा, अगर नलकूप बंद रहता है या कम चलता है, तो बन रही अतिरिक्त बिजली को ऊर्जा निगम को बेचा जा सकेगा। इस बिजली का समायोजन करके ऊर्जा निगम किसानों को भुगतान करेगा, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा। इससे न केवल किसानों की बिजली की निर्भरता कम होगी, बल्कि वे अपने अतिरिक्त उत्पादन को बेचकर और भी लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

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