आईटी सिटी योजना:
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की आईटी सिटी योजना, जो सुल्तानपुर रोड और किसान पथ के बीच स्थित 1710 एकड़ भूमि पर आधारित है, उत्तर प्रदेश में तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र के विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के तहत आवासीय भूखंड, ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक क्षेत्रों, उद्योगों, ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क, हरे-भरे क्षेत्रों और जल निकायों के विकास की योजना है।
यह परियोजना न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी, बल्कि लखनऊ को एक प्रमुख आईटी हब में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना राज्य में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव लाने का वादा करती है।
अवैध कब्जा पर कार्रवाई
आईटी सिटी योजना के लिए जमीन पर अवैध कब्जों का मुद्दा सामने आया, जब यह पाया गया कि भू-माफिया इस आरक्षित भूमि पर कब्जा कर अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर रहे थे। प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई की योजना बनाई। अधिकारियों ने अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करने और भूमि को खाली कराने के लिए एक अभियान शुरू किया।
जोनल अधिकारी शशि भूषण पाठक के नेतृत्व में पुलिस बल की मौजूदगी में परेहटा गांव में अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। इस दौरान वहां की बाउंड्री वॉल भी तोड़ी गई। जोनल अधिकारी रवि नंद सिंह ने बताया कि अभियान लगातार चलाया जा रहा है और इस तरह के अवैध कब्जों के खिलाफ भविष्य में भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई की प्रभावशीलता
इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि आईटी सिटी के लिए निर्धारित सभी भूमि क्षेत्रों पर से कब्जा पूरी तरह से हटा लिया गया। लगभग 100 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराकर प्राधिकरण ने एक संदेश दिया कि अवैध कब्जों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई प्रशासन की नीयत को स्पष्ट करती है, जो अब किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अवैध गतिविधियों को सहन नहीं करेगा।
इसके अलावा, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इस योजना के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि आईटी सिटी के विकास से लखनऊ और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और यह राज्य को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।
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