बिहार में परमानेंट नहीं होंगे गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर

पटना: बिहार में गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों को स्थायी करने का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आया है। राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान परिषद में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के पास अतिथि सहायक प्राध्यापकों को स्थायी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इसके बजाय, राज्य सरकार नियमित बहाली के लिए कदम उठाएगी। इस बयान ने बिहार के शिक्षा जगत में कई सवाल उठाए हैं और इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ भी सामने आ रही हैं।

गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों की स्थिति

गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर वे शिक्षक होते हैं जिन्हें शिक्षा संस्थानों में अस्थायी रूप से नियुक्त किया जाता है। इनकी नियुक्ति एक निर्धारित अवधि के लिए होती है, और इनका वेतन भी स्थायी कर्मचारियों के मुकाबले कम होता है। बिहार में, गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर की संख्या काफी अधिक है, और इन शिक्षकों की स्थिति हमेशा अस्थिर रहती है, क्योंकि उन्हें समय-समय पर कार्यरत किया जाता है, लेकिन स्थायित्व की कोई गारंटी नहीं होती।

शिक्षा मंत्री का बयान

शुक्रवार को विधान परिषद में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह स्पष्ट किया कि गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों को स्थायी करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार नियमित रूप से भर्ती करेगी, जिससे शिक्षकों के लिए स्थिर रोजगार की स्थिति उत्पन्न हो सकेगी। मंत्री का यह बयान उस समय आया जब विपक्षी दलों ने गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसरों के स्थायीकरण की मांग उठाई थी।

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