यूपी में संविदा कर्मियों को बड़ा तोहफा, अब इलाज फ्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने बजट में संविदा कर्मियों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे लाखों संविदा कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह घोषणा की है कि अब यूपी के सभी संविदा कर्मियों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य आसमान कार्ड के माध्यम से ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। इसके साथ ही, उनके लिए नौकरी की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी, जो उनके भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होगा।

5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज

उत्तर प्रदेश सरकार ने संविदा कर्मियों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य कार्ड की सुविधा शुरू की है। इस कार्ड के माध्यम से अब संविदा कर्मी और उनके परिवार के सदस्य ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे। यह कदम राज्य सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो संविदा कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद करेगा।

इस निर्णय से सरकारी कर्मचारियों और संविदा कर्मियों के बीच एक अंतर कम होगा, क्योंकि पहले सरकारी कर्मचारियों को ही स्वास्थ्य सुरक्षा की विशेष योजनाओं का लाभ मिलता था, जबकि अब संविदा कर्मियों को भी यह लाभ मिलेगा। यह निर्णय विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहतकारी है जो उच्च चिकित्सा खर्चों का सामना करते थे और इलाज के लिए आर्थिक परेशानियों में घिरे रहते थे।

न्यूनतम मानदेय बढ़ाकर ₹18,000 किया गया

उत्तर प्रदेश सरकार ने संविदा कर्मियों के लिए एक और बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार ने संविदा कर्मियों का न्यूनतम मानदेय अब ₹18,000 तक बढ़ा दिया है। पहले यह मानदेय कम था, जिससे कई संविदा कर्मी अपनी जीवन-यापन में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। इस निर्णय से उन्हें न केवल बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा।

यह बढ़ोतरी सरकार की यह समझ को दर्शाती है कि संविदा कर्मियों का कार्य राज्य प्रशासन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें भी उचित वेतन व सुविधाएं मिलनी चाहिए। इस फैसले से संविदा कर्मियों को बेहतर जीवन जीने के लिए अधिक संसाधन मिलेंगे, जिससे उनकी कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी।

नौकरी की सुरक्षा: अब बिना किसी भय के काम करें

उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अब संविदा कर्मियों को नौकरी की सुरक्षा मिलेगी। इसका मतलब यह है कि संविदा कर्मी अब बिना किसी डर और चिंता के अपनी नौकरी में स्थिरता महसूस करेंगे। यह एक अहम कदम है, क्योंकि पहले कई बार संविदा कर्मियों की सेवाएं अचानक समाप्त कर दी जाती थीं, जिससे उन्हें अपनी आजीविका की चिंता होती थी।

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