स्क्रैमजेट इंजन और हाईपरसॉनिक तकनीक:
हाईपरसॉनिक तकनीक का मतलब है ऐसी गति जो ध्वनि की गति से पांच गुना या उससे अधिक होती है। इसे मैक 5 (Mach 5) की गति कहा जाता है, यानी 6,125 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा। स्क्रैमजेट इंजन एक प्रकार का एयरब्रीदिंग इंजन है जो इस गति को प्राप्त करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें ऑक्सीजन को हवा से खींचकर इसे इंजन में जलाया जाता है, जिससे इंजन की गति अत्यधिक बढ़ती है। यह तकनीक विशेष रूप से मिसाइलों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उच्च गति पर उड़ने वाली मिसाइलों के लिए ऊर्जा का स्रोत प्रदान करती है।
भारत की सफलता: क्या है इसका महत्व?
DRDO का यह परीक्षण भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह भारत को हाईपरसॉनिक मिसाइलों के विकास में एक कदम और आगे बढ़ाता है।भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण कर यह साबित कर दिया कि वह अब अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भर हो सकता है। इसे स्वदेशी तकनीक के रूप में माना जा रहा है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करेगा।
यह परीक्षण भविष्य में हाईपरसॉनिक मिसाइलों के विकास में सहायक सिद्ध होगा। हाईपरसॉनिक मिसाइलें एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचने में सक्षम होती हैं, और इनका गति, सटीकता और प्रभाव बहुत अधिक होता है। इससे भारत अपनी सीमा सुरक्षा को और भी मजबूत बना सकता है।
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