बिहार में जमीन के दस्तावेज वसुधा केंद्र पर मिलेंगे!

पटना: बिहार में लंबे समय से जमीन के कागजों को लेकर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। सरकारी दफ्तरों में बार-बार दौड़ना, दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए घंटों इंतजार करना और अधिकारियों द्वारा मनमानी वसूली करना आम बात हो गई थी। यही कारण था कि लोग हमेशा इन कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों में परेशानी महसूस करते थे। लेकिन अब बिहार सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे लोगों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि समय और पैसे की भी बचत होगी।

वसुधा केंद्र से जमीन के कागज

अब बिहार के सभी पंचायतों में स्थित वसुधा केंद्रों से भूमि अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां प्राप्त की जा सकती हैं। इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए लोगों को केवल एक निर्धारित शुल्क चुकाना होगा। राजस्व विभाग ने इसे लेकर एक नया निर्णय लिया है, जिससे रैयतों को कागजों को प्राप्त करने में आसानी होगी। इसके अलावा, यदि कोई भू-मालिक कागजों के लिए राजस्व न्यायालय में वाद दायर करना चाहे तो इसके लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है।

सरकारी दफ्तरों की परेशानी से निजात

अब तक लोगों को जमीन के दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। कर्मचारियों द्वारा इंतजार कराना, मनमानी फीस मांगना और कागजात प्राप्त करने में अड़चने डालना आम था। इस प्रथा ने लोगों को मानसिक रूप से थकाया था और उनका समय भी बर्बाद किया था। अब वसुधा केंद्रों से यह कार्य आसान हो जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी आसानी से अपने कागजात प्राप्त कर सकेंगे।

जमीन दस्तावेज की क्या है शुल्क संरचना?

बिहार के राजस्व न्यायालय में कागजों के लिए मुकदमा दायर करने का शुल्क 40 रुपये प्रति आवेदन रखा गया है। इसके अलावा, भू अभिलेख पोर्टल से प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए प्रति पृष्ठ 20 रुपये देने होंगे। इसके साथ ही GST और टैक्स अलग से लिया जाएगा। यह शुल्क संरचना काफी किफायती है और लोगों को दस्तावेज़ प्राप्त करने में कोई खास मुश्किल नहीं आएगी।

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