कौशल विकास - नई दिशा
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत, कारीगरों को कौशल विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल अपने पारंपरिक काम में और दक्षता हासिल करने का मौका देता है, बल्कि उन्हें नए और आधुनिक तकनीकों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है। इससे वे अपने काम में सुधार कर सकते हैं और अधिक कुशल बन सकते हैं, जो बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा को मजबूत करता है।
मुफ्त टूलकिट - आधुनिकता
इस योजना के तहत, प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, कारीगरों को मुफ़्त में आधुनिक तकनीक पर आधारित टूलकिट प्रदान किया जाता है। यह टूलकिट कारीगरों को उनके काम में सुधार करने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इन उपकरणों की मदद से कारीगर पारंपरिक कार्यों को जल्दी और बेहतर तरीके से कर सकते हैं, जिससे उनके समय की बचत होती है और उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है।
ऋण की सुविधा - आर्थिक संबल
इस योजना के तहत, कारीगरों को ऋण की सुविधा भी दी जाती है। यह ऋण उन्हें अपने काम को और बेहतर बनाने, नए उपकरण खरीदने या कारोबार बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने में मदद करता है। ऋण की ब्याज दर बेहद कम होती है, जिससे कारीगरों के लिए यह एक किफायती विकल्प बन जाता है। कारीगरों को 1 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, जो उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में सहायक होता है।
ऋण की अवधि 18 महीने से लेकर 30 महीने तक हो सकती है, जो कारीगरों को ऋण चुकाने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करती है। इस तरह, उन्हें अपने कारोबार को संभालने और वित्तीय दबाव से बचने का अवसर मिलता है। यह योजना कारीगरों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार करती है।
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