बिहार में बर्ड फ्लू की पुष्टि से हड़कंप, मारी गईं मुर्गियां

पटना: बिहार में बर्ड फ्लू की पुष्टि से हड़कंप मच गया है। पटना के आसपास के इलाकों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के संक्रमण का मामला सामने आया। 27 फरवरी को फार्म में मुर्गियों की असमान्य मृत्यु के बाद इनकी जांच की गई, और भोपाल से आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। इसके बाद 35 से अधिक मुर्गियों को प्रोटोकॉल के अनुसार मार दिया गया है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

बर्ड फ्लू क्या है?

बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, पक्षियों में होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक रोग है। यह वायरस पक्षियों के जरिए फैलता है, और अगर संक्रमित पक्षी का संपर्क इंसान से होता है, तो यह इंसान में भी फैल सकता है। इसके कारण पक्षियों की मृत्यु हो सकती है और अगर मनुष्य को यह वायरस संक्रमित कर लेता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

बर्ड फ्लू के लक्षण

बर्ड फ्लू के इंसानों में फैलने के बाद कई लक्षण सामने आते हैं। इन लक्षणों में प्रमुख हैं: तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, जुकाम और नाक बहना, आंखों का लाल होना या जलन होना, निमोनिया, खांसी और गले में खराश आदि।

बचाव के उपाय

1 .बीमार या मृत पक्षियों से दूर रहें: संक्रमित पक्षी के संपर्क में आना बर्ड फ्लू के संक्रमण का मुख्य कारण है। इसलिए बीमार मुर्गियों या मृत पक्षियों से दूर रहें।

2 .सुरक्षा उपाय अपनाएं: यदि आपको किसी मृत या बीमार पक्षी से संपर्क करना पड़े, तो दस्ताने और मास्क पहनकर ऐसा करें। इसके अलावा, पक्षियों के मल, पंख, या म्यूकस से भी दूर रहें।

3 .साफ-सफाई बनाए रखें: संक्रमित क्षेत्र में काम करने के बाद अपने हाथ अच्छे से धोएं और अपनी सफाई का विशेष ध्यान रखें।

4 .स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें: यदि किसी व्यक्ति को बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत अस्पताल में सूचित करें और आवश्यक जांच कराएं।

5 .प्रोटोकॉल का पालन करें: यदि आप पोल्ट्री फार्म में काम कर रहे हैं, तो वहां की सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइनों और प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है। यह न केवल आपकी सुरक्षा के लिए है बल्कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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