स्वच्छता के स्थायी समाधान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव-गांव में स्वच्छता के स्थायी मॉडल को स्थापित करने के लिए एक नई नीति तैयार की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों में स्वच्छता परिसंपत्तियों का प्रभावी संचालन और दीर्घकालिक रखरखाव सुनिश्चित करना है। इसका मतलब है कि स्वच्छता सिर्फ एक अस्थायी अभियान नहीं होगा, बल्कि यह ग्राम पंचायतों की नियमित व्यवस्था का हिस्सा बन जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि गांवों में स्वच्छता की स्थिति निरंतर बनी रहेगी और लोगों को स्वच्छता के लिए किसी बाहरी सहायता पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
स्वच्छता के लिए दी गई वित्तीय सहायता
सरकार ने स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए वित्तीय सहायता भी सुनिश्चित की है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, 15वें केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और मनरेगा के जरिए धनराशि का उपयोग करके प्रदेश के सभी 96,174 गांवों को ओडीएफ प्लस (Open Defecation Free Plus) घोषित किया गया है। इनमें से 85,827 गांव ओडीएफ प्लस की मॉडल श्रेणी में हैं, जिनमें ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा निस्तारण, और फीकल स्लज प्रबंधन जैसी योजनाओं पर कार्य हो रहा है।
ओडीएफ प्लस मॉडल की सफलता
ओडीएफ प्लस मॉडल की सफलता यूपी सरकार की इस नई नीति का अहम हिस्सा है। यह मॉडल यह सुनिश्चित करेगा कि हर गांव में शौचालयों का निर्माण और उनकी उचित देखभाल, अपशिष्ट प्रबंधन, और कचरा निस्तारण का कार्य पूरी तरह से स्वच्छता के मानकों के अनुरूप हो। इस पहल से गांवों में स्वच्छता की स्थिति में एक स्थायी सुधार देखने को मिलेगा, और लोग खुद को स्वच्छता के महत्व के प्रति अधिक जागरूक होंगे।
गोबरधन परियोजना और बायोगैस यूनिट्स
योगी सरकार की नई नीति में बायोगैस यूनिट निर्माण के लिए गोबरधन परियोजना को भी महत्व दिया गया है। इस परियोजना के तहत गांवों में बायोगैस यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जो गोबर को एक मूल्यवान संसाधन में बदलने का कार्य करेंगी। यह न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगा बल्कि गांवों के लिए ऊर्जा का एक सस्ता और प्रभावी स्रोत भी बनेगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा और गांवों में स्वच्छता के कार्यों को एक नई दिशा मिलेगी।
सामुदायिक और व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण
नई नीति के तहत सामुदायिक और व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण और उनकी सही देखभाल पर भी जोर दिया जा रहा है। इससे गांवों में खुले में शौच की समस्या को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा और ग्रामीणों को सुरक्षित एवं स्वच्छ शौचालयों की सुविधा मिलेगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि शौचालयों का निर्माण न सिर्फ एक तात्कालिक समाधान हो, बल्कि उनकी नियमित सफाई और रख-रखाव भी सुनिश्चित हो।
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