बिहार में जमीन की जमाबंदी को लेकर सख्त फरमान

पटना: बिहार में जमीन की जमाबंदी को लेकर कई गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं, जिससे राजस्व विभाग ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में जमाबंदी की प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें रजिस्टर-2 के पेज फाड़े जाने, दाखिल खारिज की प्रक्रिया को दरकिनार करके जमाबंदी की जा रही है, और रजिस्टर-2 को गलत तरीके से ऑनलाइन करने के बाद फिर से ऑफलाइन किया जा रहा है। इस पर अब बिहार सरकार ने संबंधित अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं और गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

जमाबंदी प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ी

जमाबंदी भूमि रिकॉर्ड की एक अहम प्रक्रिया है, जिसका मकसद भूमि की स्वामित्व स्थिति को स्पष्ट करना होता है। लेकिन हाल ही में बिहार में जमाबंदी में कई गड़बड़ी की घटनाएँ सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, दाखिल खारिज की प्रक्रिया का पालन किए बिना ही रजिस्टर-2 में जमाबंदी की जा रही है। इससे भूमि मालिकों के अधिकारों पर सवाल खड़ा हो गया है और इसमें भ्रष्टाचार की संभावना भी जताई जा रही है।

रजिस्टर-2 में पेज फाड़े जाने की शिकायतें

साथ ही, रजिस्टर-2 के पेज फाड़े जाने की भी शिकायतें मिली हैं, जो इस पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बना देती हैं। रजिस्टर-2 में हर जमीन का रिकॉर्ड होता है, जिसमें उसके स्वामित्व, स्थान, क्षेत्रफल और अन्य जानकारी दर्ज होती है। अगर इसके पेज फाड़े जाते हैं तो इसका मतलब है कि किसी विशेष भूमि के रिकॉर्ड में हेरफेर किया जा सकता है, जिससे जमीन के असली मालिक के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।

बिहार राजस्व विभाग ने लिया संज्ञान

इन गड़बड़ियों को गंभीरता से लेते हुए, बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संबंधित अंचल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इन शिकायतों की जांच करें और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। इसके अलावा, विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जांच प्रक्रिया हर 15 दिन में समीक्षा की जाए, ताकि मामले में किसी प्रकार की देरी न हो और सही समय पर कार्रवाई की जा सके।

विभाग ने कार्रवाई का आश्वासन दिया

राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल बिहार में भूमि विवादों को सुलझाने में मदद करेगा, बल्कि आम जनता के बीच विश्वास बहाली के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। विभाग का उद्देश्य है कि जमाबंदी की प्रक्रिया पारदर्शी और ईमानदार बने, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार की गुंजाइश न हो।

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