शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया
एंटी भू-माफिया पोर्टल पर अब प्रदेश के नागरिक आसानी से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे। शिकायतों में सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर कब्जा, चकरोड, तालाब, खलिहान, चारागाह, निजी आवासीय भूमि, फर्जी बैनामे के आधार पर नामांतरण, कृषि भूमि, पट्टे की भूमि, सार्वजनिक भूमि और अन्य श्रेणियों में अवैध कब्जे की जानकारी दी जा सकती है। यह प्रक्रिया आम लोगों के लिए अधिक सुलभ बन गई है, जिससे वह अपनी भूमि से संबंधित किसी भी अवैध गतिविधि को सीधे अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं।
शिकायत के बाद तीन चरणों में कार्रवाई
पहला चरण - एसडीएम और डीएम स्तर पर कार्रवाई: सबसे पहले, एसडीएम (सुब डिवीजनल मजिस्ट्रेट) और जिलाधिकारियों (डीएम) को शिकायतों पर कार्रवाई करने का जिम्मा सौंपा गया है। उनका कार्य प्राथमिक जांच करना और ज़रूरी कदम उठाना होगा।
दूसरा चरण - पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त स्तर पर कार्रवाई: अगर पहले चरण में समस्या का समाधान नहीं होता या मामला गंभीर होता है, तो यह पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त के स्तर पर जाएगा। यहां पुलिस जांच करेगी और कानूनी कार्रवाई को बढ़ावा देगी।
तीसरा चरण - राजस्व परिषद और डीजीपी स्तर पर कार्रवाई: अगर मामला काफी गंभीर हो और पहले दोनों स्तरों पर समाधान नहीं मिलता, तो अंतिम चरण में राजस्व परिषद और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) स्तर पर कार्यवाही की जाएगी। इस स्तर पर पूरी तरह से सख्त और निर्णायक कदम उठाए जाएंगे।
भूमाफियाओं पर कड़ा प्रहार
इस कदम के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि माफिया के खिलाफ कड़ा प्रहार किया है। भूमाफियाओं के द्वारा की जाने वाली अवैध कब्ज़ेदारी, सरकारी भूमि पर हक जमाने, और फर्जी दस्तावेज़ों के माध्यम से भूमि का नामांतरण, यह सभी समस्याएँ उत्तर प्रदेश में दशकों से चल रही थीं। इन मामलों में अक्सर छोटे किसानों और आम जनता का शोषण हुआ, और सरकार को इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता महसूस हो रही थी। अब इस नए पोर्टल और नियमों के जरिए सरकार ने ऐसे मामलों की त्वरित और प्रभावी जांच के लिए एक सशक्त तंत्र तैयार किया है।
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