गृहकर के दायरे में शामिल
अब तक, ये क्षेत्र कर के दायरे से बाहर थे, लेकिन शहर के विकास की दिशा में तेजी से बढ़ते हुए इन क्षेत्रों को भी नगर निगम ने गृहकर के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। इस कदम से 40 हजार मकान मालिक प्रभावित होंगे, जिन्हें अप्रैल या मई से बिल भेजे जाएंगे। हालांकि, इन क्षेत्रों में विकास की गति शहरी इलाकों की तुलना में धीमी रही है, और यह मुद्दा पहले भी स्थानीय नागरिकों द्वारा उठाया जा चुका है।
विरोध और सर्वे का मामला
इससे पहले, नगर निगम ने पिछले साल इन क्षेत्रों के मकान मालिकों को नोटिस भेजकर गृहकर वसूली की तैयारी शुरू कर दी थी। इस कदम का विरोध करते हुए, भवन मालिकों ने दलील दी कि उनका क्षेत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है, और इसके कारण उन्हें कर के दायरे में लाना अनुचित होगा। इसके बाद, निगम ने इन क्षेत्रों का सर्वेक्षण कराया, जिसमें यह बात सामने आई कि ये क्षेत्र अर्द्धविकसित हैं। हालांकि, विकास की स्थिति में सुधार के बावजूद इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी स्पष्ट रूप से नजर आती है।
विकास का संकलन और नगर निगम की योजना
गृहकर की वसूली को लेकर नगर निगम की योजना स्पष्ट है। निगम चाहता है कि इन इलाकों को भी शहर की तरह विकसित किया जाए और यहां रहने वाले नागरिकों से उचित कर वसूलने की प्रक्रिया को सुचारू बनाया जाए। इसके लिए निगम ने इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के सुधार की भी योजना बनाई है। हालांकि, निगम का यह कदम पूरी तरह से ठंडा नहीं पड़ा है, क्योंकि स्थानीय निवासी यह मानते हैं कि बिना पूरी तरह से विकसित हुए इन क्षेत्रों में गृहकर का वसूलना उचित नहीं है।
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