भारत की GDP ग्रोथ चीन और अमेरिका से अधिक!

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भारत की रियल जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो देश की आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण संकेत है। इस बढ़ोतरी के साथ, भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति को और मजबूती से स्थापित कर रहा है। भारत की इस उल्लेखनीय सफलता के मुकाबले चीन और अमेरिका की जीडीपी वृद्धि दर अपेक्षाकृत कम है, जो आने वाले समय में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है।

भारत की शानदार वृद्धि दर

भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत तक पहुंचना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह वृद्धि भारत की आर्थिक संरचना में हो रहे बदलावों, विशेष रूप से उत्पादन, उपभोग और निवेश के क्षेत्रों में सुधार को दर्शाती है। भारत सरकार की नीतियों, जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और अन्य सुधारों ने देश के विकास को गति दी है। इसके अलावा, भारतीय बाजार की विशालता और युवा कार्यबल ने भी इसके आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

चीन की धीमी वृद्धि दर

इसके विपरीत, चीन की जीडीपी वृद्धि दर 2024 में करीब 5% था, और 2025 में यह 4.6% तक गिरने की संभावना है। चीन की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों में धीमी पड़ी है, जिसका कारण घरेलू उपभोक्ता मांग में गिरावट, बढ़ती ऋण समस्याएं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में समस्याएं हैं। इसके अलावा, चीन में लॉकडाउन और अन्य कोविड-19 से जुड़ी समस्याओं ने आर्थिक विकास को प्रभावित किया है। हालांकि, चीन का औद्योगिक और निर्यात क्षेत्र अभी भी काफी मजबूत है, लेकिन घरेलू विकास में कमी और बढ़ती जनसंख्या संबंधी समस्याएं इसके लिए चुनौतीपूर्ण हैं।

अमेरिका की ठहरी हुई वृद्धि दर

अमेरिका की जीडीपी वृद्धि दर भी पिछली तिमाही के मुकाबले 2.2% रही, जो बताता है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत ठहरी हुई है। 2024 की चौथी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी पिछली तिमाही के मुकाबले केवल 2.30% बढ़ी थी। यह वृद्धि दर उस गति से कम है जो आमतौर पर अमेरिका की अर्थव्यवस्था में देखी जाती थी। अमेरिका में उच्च मुद्रास्फीति, बढ़ते ब्याज दर, और वैश्विक व्यापार तनावों के कारण विकास में रुकावट आई है। इसके अलावा, अमेरिका में श्रम बाजार की समस्याएं और उत्पादकता की कमी भी इसके विकास में बाधक बनी हैं।

0 comments:

Post a Comment