नीतीश सरकार का आदेश, बिहार में अब 15 दिनों में परिमार्जन!

पटना। बिहार सरकार ने भूमि से जुड़े मामलों में वर्षों से चली आ रही देरी और अंचल कार्यालयों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब परिमार्जन से जुड़े कार्य तय समय-सीमा के भीतर ही पूरे करने होंगे। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उप मुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर विभाग ने परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त आवेदनों के निष्पादन के लिए समय तय कर दिया है। इसका उद्देश्य यह है कि रैयतों को भूमि संबंधी सेवाएं समय पर मिल सकें और उन्हें कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।

परिमार्जन प्लस पोर्टल के जरिए डिजिटाइज्ड जमाबंदी में नाम, पिता का नाम, जाति, पता, खाता, खेसरा, रकबा और लगान से जुड़ी त्रुटियों को सुधारा जा सकता है। साथ ही, जो जमाबंदी अब तक ऑनलाइन नहीं हो सकी है, उसे भी इस पोर्टल के माध्यम से दर्ज कराने की सुविधा दी गई है।

नए निर्देशों के अनुसार, लिपिकीय या टंकण संबंधी त्रुटियों का सुधार अब अधिकतम 15 कार्य दिवस में किया जाएगा। वहीं, अन्य प्रकार की जमाबंदी संबंधी गलतियों के सुधार के लिए 35 कार्य दिवस की सीमा तय की गई है। इसके अलावा, छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने और भू-मापी की आवश्यकता वाले मामलों का निष्पादन 75 कार्य दिवस में अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

सरकार ने यह भी साफ किया है कि यदि किसी आवेदन को सुधार के लिए वापस किया जाता है, तो उस दौरान आवेदक के लॉगिन में लंबित समय को कार्य दिवस की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा। इससे प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने की कोशिश की गई है।

इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का निष्पादन तय समय के भीतर सुनिश्चित करें। साथ ही, जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की ओर से लापरवाही या शिथिलता बरती जाएगी, उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने और इसकी सूचना विभाग को देने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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