शासन की ओर से जारी विभिन्न आदेशों के क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने अब इस प्रक्रिया को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वे शासनादेशों के अनुरूप आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। यह निर्देश इस बात का संकेत हैं कि अब मामला केवल कागजों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि व्यावहारिक रूप से आगे बढ़ेगा।
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, तबादला और समायोजन की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। पहले चरण में प्राथमिकता यह होगी कि शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में ही समायोजित किया जाए। यदि वहां रिक्त स्थान उपलब्ध नहीं होता है, तो उसी ग्राम पंचायत के अंतर्गत किसी अन्य विद्यालय में तैनाती पर विचार किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया से पहले शिक्षामित्रों से उनकी प्राथमिकता और विकल्प मांगे जाएंगे, ताकि निर्णय अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत हो सके।
इस व्यवस्था की निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की जाएगी, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सभी नियमों और निर्देशों का पालन हो। पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शासन की ओर से दूसरे चरण का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा, जिससे शेष शिक्षामित्रों को भी समायोजन का अवसर मिल सके।
कुल मिलाकर, सरकार की यह पहल शिक्षामित्रों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। वर्षों से स्थानांतरण और समायोजन की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षामित्रों को अब उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा और उन्हें कार्यस्थल से जुड़ी असुविधाओं से राहत मिलेगी। यह कदम न केवल शिक्षामित्रों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि परिषदीय विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था को भी अधिक सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

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