निरीक्षण और अभिलेखों की जांच के दौरान पता चला कि दिव्या तिवारी ने नौ अक्टूबर 2021 से विभाग को अवगत किए बिना लगातार गैरहाजिर रहकर स्कूल में उपस्थित नहीं हुई थीं। न तो उन्होंने कोई अवकाश प्रार्थना पत्र जमा किया और न ही किसी प्रकार की संतोषजनक सूचना दी। इस गंभीर लापरवाही को उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के तहत प्रथम दृष्टया दोष माना गया।
बीएसए ने तत्काल प्रभाव से दिव्या तिवारी को निलंबित कर दिया और उन्हें प्राथमिक विद्यालय होलागढ़ से संबद्ध किया। मामले की विस्तृत जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) होलागढ़ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच के दौरान शिक्षिका के खिलाफ सभी तथ्यों और साक्ष्यों की समीक्षा की जाएगी।
बीएसए कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, निलंबन अवधि के दौरान जीवन निर्वाह भत्ते का भुगतान तभी किया जाएगा जब दिव्या तिवारी प्रमाणित करें कि इस अवधि में वे किसी अन्य सेवायोजन या व्यवसाय में संलग्न नहीं थीं। इसके साथ ही, जांच अधिकारी उनके खिलाफ अलग से आरोप पत्र जारी करेंगे, जिस आधार पर आगे की विभागीय कार्रवाई तय की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षण कार्य की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी, और इस घटना को अन्य शिक्षकों के लिए एक चेतावनी माना जा रहा है।

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