फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणक है, जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी या पेंशन पर लागू करके नई सैलरी तय की जाती है। आसान भाषा में कहें तो यही वह आंकड़ा है जो तय करेगा कि कर्मचारी की सैलरी में मामूली बढ़ोतरी होगी या बड़ा उछाल आएगा। मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार यह फैक्टर 1.86 से 2.57 के बीच हो सकता है।
नई सैलरी कब लागू होगी?
8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना देसाई कर रही हैं। आयोग न केवल बेसिक सैलरी बढ़ाने का काम करता है, बल्कि भत्ते, पेंशन और रिटायरमेंट लाभों की समीक्षा भी करता है। आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 18 महीने का समय मिलेगा।
इसका मतलब है कि रिपोर्ट अप्रैल 2027 तक सरकार के पास पहुंचेगी। रिपोर्ट आने के बाद इसे लागू करने में आमतौर पर लगभग 6 महीने लग सकते हैं। इस हिसाब से नई सैलरी और पेंशन की व्यवस्था 2027 के अंत या 2028 की शुरुआत तक लागू होने की संभावना है।
कितनी बढ़ सकती है बेसिक सैलरी?
विशेषज्ञों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी में बड़ा अंतर आ सकता है: फैक्टर 1.83 होने पर बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 32,940 रुपये तक पहुंच सकती है। फैक्टर 2.46 होने पर वही बेसिक सैलरी 44,280 रुपये तक जा सकती है।
इस तरह कर्मचारियों को 14% से 54% तक की वास्तविक बढ़ोतरी (बेसिक और DA मिलाकर) मिलने का अनुमान है। हालांकि, 54% जैसी भारी बढ़ोतरी की संभावना कम है, क्योंकि इससे सरकारी खजाने पर बड़ा वित्तीय दबाव पड़ेगा।
ग्रेड पे के अनुसार नई सैलरी का अनुमान
यदि हम HRA, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और NPS जैसे घटकों को जोड़कर देखें, तो अलग-अलग ग्रेड पे पर सैलरी कुछ इस प्रकार अनुमानित की जा सकती है:
1900 ग्रेड पे: 1.92 फैक्टर पर नेट सैलरी करीब 65,512 रुपये, 2.57 फैक्टर पर 86,556 रुपये हो सकती हैं।
4600 ग्रेड पे: 1.92 फैक्टर पर 1,31,213 रुपये, 2.57 फैक्टर पर 1,74,636 रुपये हो सकती हैं।

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