मंत्रालय ने किया स्पष्ट
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस डर को गलत बताया है। अधिकारियों के अनुसार, नए कोड्स से किसी कर्मचारी की हाथ में आने वाली सैलरी अपने आप कम नहीं होगी। इसका मुख्य कारण है पीएफ की गणना (PF calculation) का तरीका।
PF की गणना पर असर नहीं
नए वेतन ढांचे के तहत भी पीएफ का योगदान वैधानिक सीमा 15,000 रुपये तक ही रहेगा। जब तक कर्मचारी और नियोक्ता स्वेच्छा से इस सीमा से अधिक राशि पर PF योगदान करने का विकल्प नहीं चुनते, तब तक कटौती उतनी ही रहेगी। मंत्रालय ने जोर दिया कि नए नियम किसी भी कर्मचारी को पूरी सैलरी पर PF कटौती करने के लिए बाध्य नहीं करते।
कर्मचारियों को मिली राहत
सरकार के इस स्पष्टीकरण से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। नए लेबर कोड्स का उद्देश्य केवल वेतन ढांचे में स्पष्टता और समानता लाना है, न कि सैलरी कम करना। विशेषज्ञों का कहना है कि कर्मचारी बिना किसी डर के अपने वेतन और PF योगदान के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।

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